बच्चें मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए? Kids Use Mobile

बच्चें मोबाइल मांगे तो क्या करना चाहिए? Kids Use Mobile

आजकल हर घर में मोबाइल है। माता-पिता दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, जब वो घर पर होते हैं। उन्हें मोबाइल में व्यस्त देखकर बच्चे भी मोबाइल लेने की जिद करते है। बच्चों की जिद के सामने माता-पिता घुटने टेक या तो उन्हें मोबाइल दे देते हैं या फिर कह देते हैं आ तू भी देख ले, मेरे साथ।

हर घर में बच्चे मोबाइल लिए हुए किसी कोने में बैठे हुए मिल ही जाते हैं। मोबाइल के स्क्रीन बच्चों को आज जिस तरह से खिंच रही है उतना आकर्षण आज किसी अन्य चीज में नहीं रहा है। मोबाइल आने के बाद से खेल और खिलौने का महत्व बच्चों के लिए कम हो गया है, जिसका सबूत देते हैं खाली पार्क और खेत-खलिहान।

बच्चों के मोबाइल मांगने के तरीके -


बच्चों में मोबाइल देखने की लत इस कदर बढ़ गई है कि वो बिना मोबाइल के रह ही नहीं सकते। मोबाइल लेने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। वो सीधे मोबाइल मांगने की बजाय विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। वो कोई ऐसा बहाना बना मोबाइल मांगते हैं, जिसके बाद उन्हें मोबाइल देना ही होता है। मोबाइल मांगने के ऐसे कुछ तरीके निम्न है - 
  • यह काम कर लूँगा लेकिन मोबाइल देना पड़ेगा - आमतौर से हर कोई बच्चों को छोटा-मोटा काम कह ही देता है, उदाहरण के लिए लोटा ला। बच्चे काम के लिए मना कर देते हैं, फिर कहते हैं कर तो दूँगा लेकिन मोबाइल देना पड़ेगा। ऐसे ही कई काम करने के लिए बच्चे मोबाइल लेने के लिए काम करने को तैयार होते हैं। देखा जाए तो यह एक तरीके से रिश्वत जैसा मामला है। 
  • मेरा स्कूल का काम पूरा होने पर मोबाइल देना - बच्चे स्कूल से घर आते ही सबसे पहले घरवालों की हाँ करवाते है, जैसे ही मेरा स्कूल का काम पूरा हो जाए मुझे मोबाइल देना पड़ेगा। कई बच्चे स्कूल का काम तक नहीं करते मना करने पर। ऐसा ही पढ़ने के लिए करते हैं आधा घंटा मोबाइल मिला तो एक घंटा पढ़ लूँगा। हालाँकि पढ़ने और मोबाइल का कोई आपसी तालमेल नहीं है, होता भी यही है मोबाइल लेते हैं पढ़ते नहीं। 
  • मोबाइल नहीं मिला तो बात नहीं करूँगा - कुछ बच्चे मोबाइल के लिए इस हद तक जिद कर देते हैं कि मोबाइल नहीं मिला तो बात भी नहीं करूंगा। यह सबसे घटिया जिद होती है। ऐसी जिद से परेशान पैरेंट्स को मोबाइल देना ही पड़ता है। लेकिन ध्यान देना चाहिए कि बच्चों को ऐसी जिद करने पर उसे अन्य तरीके से मनाया जाना चाहिए, मोबाइल देकर नहीं। 
  • वो भी तो मोबाइल देखता है - बच्चों को जब बोला जाता है तू दिनभर मोबाइल देखता है, पढ़ता एक अक्षर भी नहीं है, तो दूसरे बच्चों के नाम लेकर मोबाइल देखने का बहाना करते हैं। खासतौर से माता-पिता गली मोहल्ले के किसी बच्चे का नाम ले लेते हैं, देख वो कितना पढ़ता है तो बच्चे जबाब देते हैं, वो भी मोबाइल देखता है, मैं भी देखूँगा। 
  • बस 10 मिनट देख लूँ - जब बच्चों को मोबाइल मिल जाता है तो बच्चे 10 मिनट और की जिद शुरु कर देते हैं। नहीं देने पर कहते हैं 10 मिनट दे दो।दस मिनट मोबाइल देखकर पूरा होम वर्क कर लूँगा। यह दस मिनट की जिद कभी पूरी नहीं होने वाली होती है, हमेशा ही चलती रहती है। 

बच्चे जिद करके मोबाइल को इतना देखते हैं कि पेरेंट्स थक जाते हैं, उन्हें समझाते-समझाते। फिर पेरेंट्स भी ऐसे ही हो जाते हैं ले आधा घन्टा देख ले फिर पढ़ना। बच्चे के हाथ में मोबाइल आने पर आधा घन्टा आधा दिन ही बन जाता है और पेरेंट्स देखते रहते हैं। 

बच्चों के मोबाइल मांगने की आदत का अध्ययन -


बच्चे मोबाइल मांगने की जिद कब और क्यों करते हैं? यह जानना अति आवश्यक है। इस तथ्य को सही से जाने बिना आप बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ा नहीं सकते हैं। बच्चों की आदत का अध्ययन किया जाना जरूरी है। हालाँकि लेख की शुरुआत इसी तथ्य के साथ की गई कि माता-पिता जब मोबाइल देखते है तो उनकी देखा देखी में बच्चे मोबाइल मांग लेते है। इसके अतिरिक्त हमने पहले समान्य बाहनो का भी उल्लेख किया है। लेकिन जरूरी नहीं की सभी के बहाने एकसमान ही हो ऐसे में उसके बहाने और मोबाइल मांगने की आदत का अध्ययन किया जाना चाहिए। 

बच्चों में मोबाइल मांगने के तरीके छोटे और बड़े बच्चों में अलग-अलग होते हैं। कई बार बच्चे (बड़े) अपने-आप ही मोबाइल लेजर गेम खेलना शुरू कर देते हैं। बच्चों के मोबाइल मांगने की आदत का अध्ययन करने के लिए उसने कब मांगा, जब आपके हाथ में था तब या पड़ा था? जब आपने उसको कोई काम के लिए कहा या ऐसे ही। कई बच्चे तो टीवी बंद करने के तुरंत बाद ही मोबाइल मांग लेते हैं। ऐसे आपके कुछ और प्रश्न भी हो सकते हैं, उन्हें लिख लीजिए या मन में याद कर लीजिए। एक सप्ताह तक उसका अध्ययन कीजिए। ऐसा अध्ययन करने से आपको बच्चों द्वारा मोबाइल मांगने के कारण का पता चल जाएगा। 

बच्चों की आदत पता चलते ही परिवर्तन करे -


बच्चों द्वारा मोबाइल मांगे जाने की आदत का अध्ययन करने से आपको इस बात की जानकारी हो जाएगी कि बच्चों द्वारा कब मोबाइल मांगा जाता है? अब इसके अनुसार आपको कुछ परिवर्तन करने होंगे, अपनी आदत और अपने टाइम टेबल में। अपनी आदत में परिवर्तन किए बिना बच्चों की आदतों में परिवर्तन संभव नहीं होता है। जरा सोचिए अगर आप मोबाइल रखते ही नहीं तो बच्चे क्या देखते? अगर आप मोबाइल में वीडियो नहीं देखते तो बच्चे कैसे देखते और उन्हें क्या पता होता? आप मोबाइल में गेम नहीं खेलते तो मोबाइल में गेम ही नहीं होते फिर बच्चे कैसे खेलते ये सभी गेम? बच्चों ने मोबाइल के बारे में जो कुछ भी सीख रखा है वो आपसे ही सीखा है। आपने ही कभी बच्चों को दिखाया होगा क्योंकि बच्चे आपसे कुछ कह रहे थे और आपने पकड़ा दिया मोबाइल, वहाँ से बच्चों में मोबाइल देखने की आदत लग गई। 

बच्चों की आदतों में परिवर्तन लाने के लिए आपको वो सभी हरसंभव प्रयास करने चाहिए जिससे बच्चे मोबाइल देखने से दूर हो सके। बच्चों के भविष्य, आंखे, भाषा और रिश्तों को सम्भालने के लिए आपको भी कुछ तो बलिदान देना ही होगा। आपका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने वाला है। इसके लिए निम्न परिवर्तन करे - 
  1. बच्चों द्वारा काम के बदले मोबाइल मांगे जाने पर ना दे। 
  2. बच्चों से पहले पढ़ने को कहे फिर मोबाइल दे 
  3. बच्चे द्वारा जिद करने पर मोबाइल देने की बजाय उसे कोई अन्य काम करने को कहें ना कि मोबाइल दे ।
  4. मोबाइल में गेम और वीडियो देखने के फालतू एप्प हटा दीजिए ।
  5. मोबाइल मांगने पर उन्हें मोबाइल से डिजिटल सामग्री पढ़ने को कहें। 
आप अपनी आदत में कुछ परिवर्तन करेंगे तो इसका फायदा यह होगा की बच्चों में मोबाइल देखने की आदत से छुटकारा मिल जाएगा। आपके द्वारा उठाया गया एक कदम बच्चे को इस लत से दूर कर सकता है और उसके स्वास्थ्य को भी बर्बाद होने से बचा सकता है, इसलिए इस पर ध्यान देना अति आवश्यक है क्योंकि बच्चे आपके है और उन्हीं से आपका कल है। 

बच्चों को व्यस्त कैसे करे -


बच्चे जब व्यस्त रहते हैं तो मोबाइल लेने की मांग भी नहीं करते हैं, ऐसे में आपका प्रयास होना चाहिए कि बच्चों को खाली ना रहने दे।पुरानी कहावत है कि 'खाली दिमाग शैतान का घर' लेकिन अब एक नहीं कहावत और बन गई है खाली समय मोबाइल का समय। ऐसे में बच्चे जब भी खाली होते हैं तो उनका एक ही लक्ष्य होता है कैसे भी करके वो मोबाइल हासिल करे और वो सब करे जो उन्हें करना है, इसके लिए। ऐसे में आप बच्चों को खाली ना रहने से उन्हें किसी भी तरह व्यस्त रखे तो बच्चे मोबाइल से दूर हो सकते हैं, इसके लिए आप निम्न कार्य कर सकते हैं। 
  1. स्कूल से लौटने पर उन्हें हाथ पैर धोकर खाने के लिए कहें ना की आते ही टूट पड़े मोबाइल पर।
  2. इसके बाद उन्हें थोड़ा आराम करने को कहें। 
  3. स्कूल का गृह कार्य करने को कहें और आप भी चेक करे ताकि इसमे अधिक व्यस्तता हो। 
  4. खेलने से खिलौने और घर के बाहर खेले जाने वाले खेल, घर में भी खेलने को समय दे। 
  5. कोई रौचक कार्य करवाएं। 
  6. मोबाइल ले तो डिजिटल तकनीक से पढ़ने को कहे। 
  7. घर के छोटे-मोटे काम करने को कहें। 
इसके अतिरिक्त कई तकनीक आप अपने तरीके से प्रयोग में ले सकते हैं। गॉव में तो बच्चे जब भी जिद करते हैं तो उन्हें खेत में ले जाते हैं कुछ समय के लिए जानवर चराने के लिए या किसी और काम से। वैसे ही शहरो में बच्चे जिद करे तो इससे बेहतर है किसी पार्क में चले जाए या छत और बालकनी से उसे खुली हवा में ले जा बाते करे ताकि वो मोबाइल नहीं दिया, ऐसे तनाव से मुक्त हो सके। 

मोबाइल देने से सीधा मना ना करे -


बच्चों को सीधे मोबाइल देने से मना नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे और अधिक जिद्दी हो जाते हैं। अगर आप सीधे ही कह दे की मोबाइल नहीं मिलेगा तो बच्चा बुरा मान जाता है और तनाव से भी घिर सकता है। कई अड़ियल बच्चे तो चिल्ला-चिल्ला कर घर सिर पर उठा लेता है। ऐसे में बच्चे को ना करने के लिए आपको थोड़ा मॉर्डन बनना पड़ेगा, जिससे बच्चे को पता भी नहीं चले की आपने उसे मोबाइल देखने से मना किया है, इसके लिए आप निम्न तरीकों को उपयोग में ले सकते हैं। 
  • मोबाइल मांगने पर उसे गृह कार्य के बारे में पूछे, उससे कॉपी मंगाकर चेक करे बच्चा कुछ समय बाद समझने लगेगा मोबाइल मांगने का अर्थ कॉपी चेक होता है। 
  • आधा घंटा मतलब आधा घंटा उसके बाद 2 घंटे पढ़ाई। इसे अगर आप एक सप्ताह तक ही लागू कर सकते हैं तो समझ लीजिए आपने बच्चे को मोबाइल से मुक्त कर दिया है। 
  • मोबाइल मांगने पर उसे कुछ समय बाद मोबाइल देने का कह सकते हैं। 
  • अधिक मोबाइल मांगे जाने की दशा में दो सिम कार्ड उपयोग में ले ताकि बच्चों के मांगने पर वो सिम ऐक्टिव कर दे जिसमें डेटा नहीं है। बच्चे कुछ समय बाद मोबाइल अपने-आप रख देंगे। 
  • मोबाइल से अनावश्यक और गेम के एप्प को डिलीट कर दे और प्ले स्टोर या एप्प स्टोर को लॉक कर दीजिए। 
ये कुछ तरीके है, जिससे आपके मना किए बिना ही बच्चा समझने लगेगा की मोबाइल के हाथ लगाने का कोई अर्थ नहीं है। ऐसे में आपको बच्चे की आदत में सुधार लाने के लिए कुछ तो करना होगा अन्यथा बच्चा अपने-आप सब कुछ नहीं सीख पाएगा। 

आप खुद करे ये काम -


बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए आपको भी कुछ काम करने होंगे क्योंकि यह आदत बच्चों को आपने ही दी है, इसलिए बच्चों की आदत में सकारात्मक सुधार लाने के लिए आपको अपनी कुछ आदतों में परिवर्तन करना होगा जो निम्न है - 
  • घर के बाहर खेलों को महत्व दे - बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने का सबसे बेहतर तरीका है, बच्चों को घर से बाहर खेलने दे। बच्चे घर से बाहर खेलने में अधिक समय देंगे तो वो मोबाइल की मांग नहीं करेंगे। इसके लिए बच्चों को खेलने के लिए आवश्यक उपकरण दिए जाने चाहिए। 
  • जल्दी स्मार्टफोन ना दे - बच्चों को कम उम्र में स्मार्टफोन नहीं देना चाहिए क्योंकि कम उम्र में ना तो उन्हें मोबाइल से होने वाले समय, स्वास्थ्य और पढ़ाई के नुकसान का पता होता है और ना ही मोबाइल से लत लगती है, इसका पता। ऐसे में छोटे बच्चे अगर मोबाइल से खेलने लग गए तो फिर उन्हें इससे दूर करना बहुत मुश्किल हो सकता है। 
  • परिवार के समय में मोबाइल उपयोग ना करे - परिवार के समय में मोबाइल का उपयोग ना करे आप खुद और ना बच्चों को करने दे। अगर आप खुद ही मोबाइल लेकर बैठ गए तो बच्चों को क्या शिक्षा देंगे। ऐसे में ध्यान रखे आप खुद जब परिवार से बातचीत कर रहे होते हैं, तब मोबाइल का कम से कम उपयोग करे। 
  • आवश्यकता नहीं होने पर डेटा बंद रखे - जब आवश्यकता नहीं हो तब डेटा को बंद रखा जाए ऐसा करने से आपकी आदत मोबाइल देखने की कम होगी और आप मोबाइल से दूर रहेंगे जिसका असर बच्चों पर भी होगा। बच्चों को भी मोबाइल देना हो तो डेटा बंद कर काम की सामग्री डाउनलोड करके ही देना चाहिए। 
  • रोचक और सृजनात्मक कार्य को बढावा दे - बच्चों से सृजनात्मक कार्य यथा चित्रकारी, डिजायन, खेल खेल से सीखे इत्यादि उनके खाली समय में करानी चाहिए। इसमें आपकों भी भाग लेना चाहिए, इससे बच्चों की रुचि मोबाइल के प्रति स्वतः ही कम होने लगती है। कई घरों में देखा है इसके लिए अखबार में आने वाली पहेलियां भरी जाती है, ताकि बच्चों का स्तर उन्नत हो और कुछ नया सीखे। ऐसे ही पत्रिकाएं भी खरीदी जाती है। 
  • बच्चों से बात करे - बच्चों को अकेला ना होने दे। इनके अकेले होने पर ही यह मोबाइल मांगते हैं, ऐसे में उनके पास कोई काम नहीं होने पर उनसे दिल खोल कर बाते करे और इस समय उन्हें सही गलत की जानकारी दे। ऐसी बातों का बच्चों पर अधिक असर होता है। 
  • मनोरंजक बाते करे - बच्चों से कभी-कभी मनोरंजन वाली बाते भी करनी चाहिए। ऐसी बातों के लिए चुटकुले सुनाना या कॉमेडी के तरीके से बाते की जानी चाहिए। कई बार आपने महसूस किया होगा की जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के पास खड़े हो जाते हैं जो बहुत मनोरंजन वाली बाते करता है तो आप उसके पास घंटों बैठ सकते हैं, ऐसे ही घर का माहौल रखा जाना चाहिए। 
  • समय निश्चित करे - अगर आप बच्चों को कुछ समय के लिए मोबाइल देते हैं तो इसके लिए एक समय निश्चित कर देना चाहिए। ठीक समय पर मोबाइल देने और लेने से बच्चों की आदत पर नकारात्मक असर नहीं होता है। 
  • सोशल मीडिया का उपयोग ना करे - सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ना सिर्फ बच्चों का समय बर्बाद करती है, बल्कि उनके तार्किक स्तर को भी प्रभावित करती है, ऐसे में बच्चों को इससे दूर रखा जाना चाहिए। आजकल रील देखने जा चलन बढ़ रहा है जो घातक है, इसे जानने के लिए रील देखना बच्चों के लिए कितना घातक? जरूर पढ़े। 
  • फालतू के एप्प हटा दीजिए - आपके मोबाइल में जो भी फालतू एप्प है उन्हें हटा दीजिए, जो बच्चों का समय बर्बाद करते हो और बार-बार बच्चे उसे देखने के लिए आतुर हो रहें हो। 
  • गेम के एप्प ना रखे ना डाउनलोड करने दे - बच्चों को दिए जाने वाले मोबाइल में किसी भी प्रकार के गेम के एप्प ना रखे और ऐसे एप्प को डाउनलोड करने भी ना दे। गेम बच्चों को मोबाइल मांगने के लिए अधिक आकर्षित करते हैं। 

बच्चों में सकारात्मक असर लाने के लिए आपको भी कुछ समय देना ही होता है। अगर आप खुद अपना हित, मनोरंजन, सुख और स्वार्थ छोड़कर कुछ समय परिवार और बच्चों को देंगे तो सब सकारात्मक रुप से परिवर्तित हुआ आपको मिलेगा, इसके लिए आपको कुछ समय देना होगा। बिना पेड़ लगाये फल की आशा नहीं की जा सकती है, ठीक उसी प्रकार बिना आपके कुछ त्याग के बच्चे मोबाइल मांगने की जिद नहीं छोड़ देंगे। इसके लिए मोबाइल ना मांगने का बीज आप ही को बोकर उसे अंकुरित होने से पनपने दे, जब वो बड़ा हो जाएगा तो स्वयँ संघर्ष सह लेगा। 

अन्य प्रश्न -


प्रश्न - बच्चों के अधिक मोबाइल देखने से क्या होता है?

उत्तर - आधुनिक शोध के अनुसार बच्चों के अधिक समय तक मोबाइल देखने से दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

प्रश्न - बच्चों को कितने घंटे मोबाइल देखने देना चाहिए?

उत्तर - 2 साल से 12 साल के बच्चों को 1 घंटा प्रतिदिन और 12 से 18 साल के बच्चों को अधिकतम 2 घंटा प्रतिदिन मोबाइल देखने देना चाहिए।

प्रश्न - बच्चों को मोबाइल फोन से दूर करने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर - बच्चों को मोबाइल फोन से दूर करने के लिए सृजनात्मक कार्य यथा चित्रकारी, पेंटिंग और शिल्प कला की जानी चाहिए।

प्रश्न - बच्चों में वीडियों गेम खेलने की अधिक रुचि क्यों होती है?

उत्तर - बच्चों की एक काल्पनिक दुनिया होती है, जो ही उनकी वास्तविक दुनिया है। बच्चे वीडियों गेम के संघर्ष को वास्तविक मानकर उसे ही खेलना शुरू कर जिंदगी (जो काल्पनिक है) के संघर्ष में जीतना चाहते हैं।

प्रश्न - बच्चों के अधिक मोबाइल देखने से क्या होता है?

उत्तर - बच्चों के अधिक समय तक मोबाइल देखने से आँखों में जलन, सूजन होने लगती है। कभी-कभी कंधे में भी दर्द उठने लगता है। हाथों का अधिक प्रयोग करने से हाथों की उंगलियों औऱ कोहनियो में भी दर्द होने लगता है।

प्रश्न - अधिक मोबाइल देखने से क्या खतरा उत्पन्न हो सकता है?

उत्तर - अधिक मोबाइल देखने से रेडियो ऐक्टिव किरणों का शरीर पर अधिक प्रभाव होता है, परिणामस्वरूप कैंसर भी हो सकता है।

प्रश्न - सोते समय मोबाइल कितना दूर रखना चाहिए?

उत्तर - सोते समय मोबाइल कम से कम 3 फुट दूर रखे। 

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