रेल विभाग निगम लिमिटेड कंपनी कि स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 24 जनवरी 2003 में सार्वजानिक क्षेत्र कि एक इकाई के (PSU) रुप में हुई। इसकी स्थापना कि स्वीकृति भारत सरकार द्वारा तत्कालीन कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत 19 दिसम्बर 2002 को दी गई। इसने पूरी तरह से अपने लक्ष्यों के अनुरुप कार्य करना 2005 से शुरु किया। यह उपक्रम शुरुआत में पूरी तरह से सरकार के अधीन था, यानी शुद्ध रुप से सरकार कि 100% हिस्सेदारी थी। कम्पनी के परिचालन शुरु होने के समय वर्ष 2005 में अधिकृत पूँजी (authorised capital) 3000 करोड़ रुपये थी तथा चुकता पूँजी (paid-up capital) 2085 करोड़ रुपये थी।
वर्तमान में रेल विकास निगम लिमिटेड एक सरकारी कंपनी है। वर्तमान समय में 72.84% हिस्सा भारत सरकार के पास है, शेष हिस्सा सरकार द्वारा विनिवेश के माध्यम से विक्रय कर दिया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर विनिवेश की नीति के अंतर्गत अंश विक्रय किए गए।
RVNL कि स्थापना के उदेश्य -
रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की स्थापना भारत सरकार द्वारा भारत की सीमाओं के भीतर रेल सेवा के विकास के लिए की थी। भारत में रेलवे की बढ़ती बुनियादी ढांचागत मांग को पूरा करने के उदेश्य को ध्यान में रखते हुए एक देशी और तकनीकी रुप से कुशल श्रमिकों की आपूर्ति के साथ उच्च तकनीकी कौशल की स्थापना की किए कंपनी की स्थापना की गई। रेलवे को विकसित करने की परियोजना तथा राष्ट्रीय रेल विकास योजना (एनआरवीवाई) को पूर्णरूपेण लागू करने के लिए कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए एक विशिष्ट रेल के ढांचागत विकास के साथ बुनियादी सेवाओं के विस्तार में अहम योगदान देना कम्पनी का एकमात्र लक्ष्य था (जो आज भी है)।
एनआरवीवाई की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त 2002 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन मे अपने भाषण के दौरान लाल किले कि प्राचीर से की थी। इसी योजना में निर्धारित किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक सरकारी कंपनी कि आवश्यकता को पूरा करने के उदेश्य से 'रेल विकास निगम लिमिटेड' की स्थापना की गई।
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के कार्य -
अपनी स्थापना के मुख्य उद्येश्यों कि प्राप्ति के लिए RVNL रेलवे परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में मुख्य योगदान दे रहा है। इसके लिए नई रेल लाइनों को डालना, रेल मार्गों का दोहरीकरण, रेल मार्ग और पटरियों के प्रकार गेज को बदलना (मीटर गेज से ब्रॉड गेज), मेट्रो परियोजना को परिचालन योग्य बनाना, रेल मार्गों का विद्युतीकरण, सड़कों पर पुल बनाना, भवनों और रेलवे स्टेशन का निर्माण करना तथा समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन करना प्रमुख कार्य है। इसके साथ ही निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत समाज के लिए सेवाभावी कार्य करना।
कंपनी के पास कुशल श्रमिकों के साथ उच्च स्तरीय तकनीक है, उसी का परिणाम है कि आज भारत में पहले की अपेक्षा में कई गुना तेजी से रेलवे की पटरियों के दोहरीकरण के साथ मेट्रो की शुरुआत हुई है। आज अधिकांश सड़कों पर पुल बना सड़क मार्ग को निर्बाध किए जाने में कंपनी द्वारा उच्च कोटी के पुल बनाने का कार्य तेजी से सम्पन्न हुआ है।
वर्तमान में सरकार कि हिस्सेदारी -
जैसा कि आपको विधित है, वर्ष 2003 में कंपनी कि स्थापना भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से एक सरकारी उपक्रम के रुप में की गई, जिसमें 100% भागीदारी भारत सरकार की थी। समय-समय पर सरकार द्वारा आईपीओ (initial public offering) के माध्यम से प्राथमिक बाजार में जनता को प्रतिभूतियों का विक्रय करने के साथ ही OFS (Offer for sale) के माध्यम से सरकार नें अपने हिस्से को कम किया। सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी को कम कर देने के चलते जुलाई 2023 के OFS के बाद सरकार का हिस्सा घटकर वर्तमान में 72.84% रह गया है। शेष 27.26% पब्लिक होल्ड हो गया।
सरकार द्वारा हिस्सा कम करने के बाद अब कंपनी सरकारी कंपनी की श्रेणी में रह गई हैं। यह शतप्रतिशत भारत सरकार का उपक्रम नहीं रहा है। कई बार सरकार किसी कंपनी की कुल पूंजी को बढ़ाने के उदेश्य से प्राथमिक बाजार में जाकर अतिरिक्त पूंजी जुटाने का कार्य करती है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार का हिस्सा घट जाता है, ऐसा एक बार सरकार द्वारा RVNL को भी वित्तीय रुप से सुदृढ़ करने के उदेश्य से कर चुकी हैं।
क्यो चर्चा में है RVNL -
वर्तमान में RVNL चर्चा में है जिसका एकमात्र कारण उसके बढ़ते हुए शेयर का मूल्य है। पिछले कुछ समय को ध्यान में रखते हुए बात की जाए तो कंपनी के शेयर का मूल्य तेजी से बढ़ा है। कंपनी ने जुलाई 2023 में 5.36% हिस्सेदारी विक्रय की थी। सरकार नें 119 रुपये प्रति शेयर फ्लोर मूल्य तय किया था, जो अब 320 रुपये का हो गया है। वर्तमान में तेजी से बढ़ने वाली सरकारी कंपनियां के शेयर में से एक है।
वर्तमान में कई सरकारी कंपनी निजी कंपनी को लाभ के मामले में कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रही है। RVNL के बढ़ते शेयर के मूल्यों ने निवेशकों को अपनी और आकर्षित किया है, ऐसे में कंपनी जिस रफ्तार से रेलवे से संबंधित प्रोजेक्ट को जिस रफ्तार से अंजाम दे रही है, उसी रफ्तार से इसके शेयर बाजार में उठ रहे हैं। शेयरों के बढ़ते मूल्यों ने सरकारी कम्पनियों की प्रति बनी धारणा को बदल कर रख दिया है।
तेजी से बढ़ने वाला शेयर -
रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) का शेयर तेजी से बढ़ रहा है वर्ष 2024 के जनवरी महीने में करीब 87% बढ़ गया है। वर्तमान में यह शेयर 320 रुपये का है। अगर पूरे साल की बात की जाए तो पूरे साल में 317% का उछाल आया। वर्ष 2023 के जनवरी माह में 76 रुपये का शेयर जनवरी 2024 में 320 रुपये का हो गया। इसका पूरे साल का लो लेवल (न्यूनतम मूल्य) 56 रुपये रहा हैं।
रेल विकास निगम लिमिटेड के शेयर में आए उछाल से हर कोई इसलिए हतप्रभ है क्योंकि लोगों के मन में सरकारी कंपनी के प्रति घाटे में दौड़ने वाली धारणा को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। कंपनी के शेयर में आए उछाल ने निवेशकों को सरकारी कंपनियों के लिए मन में बनाई धारणा को बदलने के लिए विवश किया है। आम भारतीय नागरिको के मन में सरकारी कंपनियों के प्रति अपने नजरिये को बदलने के साथ ही सरकारी कंपनियों के काम और लाभ के लिए आश्वस्त किया है।
पांच साल में RVNL के शेयर में उछाल -
आज से 5 साल पहले रेल विकास निगम लिमिटेड कंपनी का शेयर महज 19 रुपये का था। लेकिन आज इसका मुल्य 19 रुपये से बढ़कर 320 रुपये हो गया है। पिछले पांच वर्ष की अवधि में इस कंपनी के शेयर का मूल्य 16 गुना बढ़ा है। अगर आज से पांच साल पहले आपने 19 रुपये के हिसाब से यह शेयर एक लाख रुपये के खरीदे होते तो 1500% रिटर्न के साथ आज आपके एक लाख रुपये 16 लाख रुपये बन गए होते।
कंपनी के शेयर मूल्यों में पिछले पांच वर्ष में जो उछाल देखने को मिला है, उससे स्पष्ट है कि कंपनी ने अपने कार्यो को त्वरित गति से अंजाम दिया है। कंपनी अपने कर्मचारियों को अधिक कौशल देने के साथ उन्हें बेहतर तरीकों से काम लेने में सफल हुई है। सरकारी कंपनी की ऊंची उड़ान ना सिर्फ निवेशकों बल्कि आम भारतीयों को भी उतनी ही खुशी देती है। कंपनी द्वारा दिए गए कार्यो के अंजाम को देखते हुए एक बात तो स्पष्ट है कि आज कंपनी उस ऊंचाई को छूने में सक्षम है जो ऊंचाई छूने के लिए निजी कंपनियां लालायित दिखती है। कंपनी के बढ़ते शेयर इस बात का सबूत है कि इस कंपनी द्वारा उन सभी प्रोजेक्ट को बेहतर से बेहतर सम्पन्न किया जो उसे पिछले पांच वर्ष में मिले हैं।
क्यो बढ़ रहे हैं RVNL के शेयर?
हाल ही में RVNL को मध्य गुजरात विज लिमिटेड के प्रोजेक्ट के वर्क ऑर्डर मिले हैं, जो 322.08 करोड़ रुपये के है। यह खबर बाजार में आते ही कंपनी शेयर ने तेज उछाल भर दी।
भारत सरकार द्वारा रेल विकास के लिए किए जा रहे रेल विकास के पूंजीगत खर्च को देखते हुए लोगों को अपेक्षा है कि आने वाले समय मे कंपनी को कई और महत्वपूर्ण कार्य मिलने वाले हैं। अगर वर्ष 2023-24 के रेलवे के पूंजीगत व्यय को देखा जाए तो यह 2, 40,000 करोड़ रुपये के करीब है, जो 2014 के रेल बजट के नौ गुना के करीब राशि है। ऐसे में रेल खर्च को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को भरोसा है कि आने वाले दिनों में कंपनी को और अधिक वर्क ऑर्डर मिलेंगे।
वंदे भारत के साथ ही आने वाले दिनों में सरकार आने वाले 4-5 वर्ष में 1 लाख करोड़ की नई ट्रेनों को खरीदने जा रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में नए रेल मार्ग डालने के साथ ही रेल मार्गों के दोहरीकरण का कार्य बढ़ जाएगा, जिसके चलते RVNL के निवेशकों को उम्मीद है कि कंपनी को कई और नए प्रोजेक्ट मिल सकते हैं, जिससे कंपनी को लाभ मिलेगा।
कब हुआ RVNL मे विनिवेश -
जुलाई 2023 में सरकार नें 5.36% हिस्सेदारी ऑफर फोर सेल के माध्यम से बेच दी। उस वक्त कंपनी ने प्रति शेयर 119 रुपये प्रति शेयर फ्लोर प्राइस तय किया था जो, शेयर के बाजार मूल्य से लगभग 11% कम था। पूर्व मे वर्ष 2021 मे भी सरकार ofs से अपना 15% हिस्सा बेच चुकी हैं। इसके पूर्व में वर्ष 2019 में कंपनी पहली बार पूँजी बाजार में आई थी। वर्ष 2019 में कंपनी ने अपने शेयर पूंजी के 12.12% आईपीओ (initial public offering) जारी किया था।
RVNL की सहायक कंपनियों की सूची -
हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (हाई स्पीड रेल परियोजनाओं को लागू करने के लिए 2012 में स्थापित की गई), काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस लिमिटेड (रेलवे के विनिर्माण रख रखाव का कार्य करती है) और किर्गिज़इंडस्ट्री-आरवीएनएल (कीर्गिस्तान में रेल, सड़क और बुनियादी विकास के कार्य करती है। इसके अतिरिक्त भी अन्य कई छोटी कंपनियां जैसे कच्छ रेलवे कंपनी लिमिटेड, भरूच दिव रेलवे कंपनी लिमिटेड, कृष्णापट्टनम रेलवे कंपनी लिमिटेड, हरिदासपुर पारादीप रेलवे कंपनी लिमिटेड, अंगुल सुकिंदा रेलवे लिमिटेड, इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरपीसीएल) और महाराष्ट्र में रेवास बंदरगाह तक रेल कनेक्टिविटी मे भी RVNL कि हिस्सेदारी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: फ्लोर मूल्य (floor price) क्या हैं?
उत्तर: फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर कोई वस्तु कानूनन बेची जा सकती है। साथ ही स्टॉक एक्सचेंज की बात की जाए तो फ्लोर मूल्य सरकार या किसी समुह द्वारा निर्धारित कि गई मूल्य सीमा है, जो प्रतिभूति के निचले या सबसे कम मूल्य को दर्शाती है। सामन्यतः फ्लोर प्राइस बाजार मूल्य से कम होती है।
प्रश्न: आईपीओ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर जनता को बेचती है तो इसे आईपीओ कहा जाता है। उदाहरणार्थ RVNL ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार अपने शेयर जनता को वर्ष 2019 में बेचे थे, इसलिए उस प्रतिभूति (शेयर) विक्रय को आईपीओ कहा जाता है।
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