पुराने कपड़ों से जोधपुर में बनने वाली चटाई घर पर बनाओ। Purane Kapde

आजकल फैशन का दौर है, लोगों के पास इतने कपड़े होते हैं की कुछ तो बिना पहने ही पुराने हो जाते हैं, या पहनने का मन ही नहीं करता है। घर में पुराने कपड़ों का ढ़ेर लगा हुआ होता है। घर में आले आलमारी सभी पुराने कपड़ों से ठचाठच से भरे हुए रहते हैं। पुराने और अनावश्यक कपड़ो का ढेर घर में महज मच्छरों का आवास बनकर रह जाते हैं।
आज के देखा-देखी के जमाने में कई बार ऐसे कपड़े भी खरीद कर लोग घर ले आते हैं जो उन्हें एक बार पहनने के बाद वापस तक नहीं पहनते है या उनके रंग में भंग आ जाने से पहनने का मन भी नहीं करता है। ऐसे कपड़े जो महज अलमारी में जगह घेरने के अलावा किसी काम के नहीं हैं। ऐसे कपड़ो के ढेर में कई बार वो कपड़े भी दब जाते हैं जो आपको पहनने है, ऐसे में आपका समय भी जाया करता है, ऐसा ढेर।

पुराने कपड़ों का क्या अर्थ हैं?


पुराने कपड़ों से तात्पर्य ऐसे कपड़ो से है, जो अब पहनने योग्य नहीं रहे हैं। लंबे समय तक कपड़ो को पहनने से वो खराब हो जाते हैं, फट जाए, रंग छंटने लगे या फिटिंग ना आए। कई बार कपड़े फैशन से बाहर हो जाने पर भी पुराने कपड़े कहलाने लगते हैं। कुर्ते के बटन, पेंट की जीप, फ्राक की बांहें और अन्य कई प्रकार के कपड़ों के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाना या टूट जाना। साथ ही रबर वाले कपड़ों के इलास्टिक खराब हो जाना या कपड़े को लगातार पहनने से साइज में परिवर्तन हो जाना भी कपड़ों के पुराने हो जाने को इंगित करता है। कपड़ों के बटन और रिप्स खराब हो जाने से भी कपड़े पहनने लायक नहीं रहते हैं तो इसे पुराने कपडों की श्रेणी में ही रखा जाता है। 

सामन्यतः पुराने कपड़े ऐसे कपड़े होते हैं जिन्हें कोई पहनता नहीं है। घर के किसी कोने या अलमारी में समेट कर रखे हुए होते हैं। ऐसे कपडों का मैला कुचेला या फटा हुआ होना आवश्यकता नहीं है। कई बार तो ऐसे कपड़े भी पुराने कपड़े हो जाते हैं जिन्हें एक बार पहनने के बाद वापस पहना भी नहीं। ऐसे ही कई बार सेल से ऐसे कपड़े ले आते हैं जो कभी पहने तक नहीं जाते बस घर के आलों में भार बन कर रह जाते हैं। ऐसे ही किसी विद्यालय अथवा संस्था की विशेष वेशभूषा संस्थान को छोड़ने के बाद पुराने कपड़ों की श्रेणी में आ जाती है क्योंकि इसे कोई संस्थान के बाहर या घर में पहनना पसंद नहीं करता है, जिसकी वज़ह से यह पुराने कपड़ों के ढेर में पटक दिया जाता है। 

पुराने कपड़ों का क्या करे? 


घर में पुराने कपड़ों के ढेर लगे हुए हैं। लोग अक्सर पूछते रहते हैं, पुराने कपड़ों का क्या करें? घर में पुराने कपड़ों का ढ़ेर लगा हुआ है तो उसे फेंकना नहीं चाहिए। ना ही जलाना चाहिए, इससे प्रदुषण ही फैलता है। पुराने कपड़ों का उपयोग आप कोई नई वस्तु बनाने के लिए कर सकते हैं। या इन्हें बेचकर बदले में कोई भगोला ले सकते हैं, ऐसा अक्सर गलियों में देखने को मिलता है। कोई पुराने कपड़े ले बदले में कोई बर्तन दे देता है, कभी आपने सोचा है की ये पुराने कपड़े खरीदने वाले लोग पुराने कपड़ों का क्या करते हैं? हम आपको बता देते हैं कि पुराने कपड़ों का क्या-क्या उपयोग हो सकता है। कुछ निम्नलिखित है - 

  • रस्सी बनाना - पुराने कपड़ों का सबसे आसान उपयोग है, रस्सी बनाना। इसके लिए कपड़ो को पतली-पतली लीरियो (पट्टियों) में काट कर उसे गूंथ कर या कातकर (इसके लिए चक्करी का उपयोग किया जा सकता है) इससे मजबूत रस्सी बनाई जा सकती है, जो घर में कपड़े सुखाने या पानी खिंचने के लिए काम में ली जा सकती है। ध्यान रखे रस्सी की मजबूती उसकी मोटाई और गूँथने में दिए जाने वाले बल (बट) पर निर्भर करती है। आप जितना अधिक बल देंगे रस्सी उतनी ही मजबूत होगी। 
  • बिस्तर (बिछौना) बनाना - पहले के जमाने में कई घरों में पुराने कपड़ों से बिस्तर बनाये जाते थे। आज भी गॉवों में महिलाएं पुराने कपडों से बिस्तर बनाती है। इसके लिए पुराने कपड़ों को एक नए कपड़े की खोली (कवर) पर बराबर बिस्तर की तरह बिछाकर कवर को उल्ट देती है। यह काम अनुभवी महिला द्वारा एक डंडे के सहारे से किया जाता है, जिससे कपड़ो की कतरन खोली में चली जाती है। इसके बाद सुई धागे से इसकी सिलाई कर दी जाती है। 
  • दरी (चटाई) बनाना - पुराने कपड़ों से दरी बनाई जा सकती है। इससे बढ़िया दरी बनाई जा सकती हैं। आजकल पुराने कपड़े खरीदने वाले भी इन कपड़ो से दरी और पायदान बनाकर बेचते हैं। 
  • बिस्तर का कवर बनाना - पुराने कपड़े, खासतौर से साड़ी और अन्य बड़े कपड़ो से हम आसानी से रज़ाई और अन्य प्रकार के बिस्तर (बिछौने) कवर बनाया जा सकता है। नए कपड़ो को ढंकने के साथ ही अलमारी के सामने पर्दे लगाने के उपयोग में लिया जा सकता है। 
  • थैला बनाना - पुराने कपड़ों दे बढ़िया थैला बनाया जा सकता है। यह थैला रोजमर्रा के सामान लाने में उपयोग किया जा सकता है। रोजमर्रा में इस प्रकार के थैले निरंतर उपयोग में लिए जाने का काम देश के नागरिको द्वारा शुरू किया जाए तो प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाई जा सकती है और पर्यावरण को अधिक बेहतर बनाया जा सकता हैं। 

इनके अतिरिक्त पुराने कपड़े जो टाइट हो गए हैं उन्हें काटकर नया कपड़ा भी सिला जा सकता है। आजकल पुराने कपड़ों से झोला बनाया जाने लगा है, जो ऐसे क्षेत्रो में उपयोग में लाया जाता है जहां प्लास्टिक ले जाना अपराध और वर्जित होता है। पुराने कपड़े आप किसी को दे भी सकते जिन्हें इनकी आवश्यकता है या जो इनके द्वारा कोई नई सामग्री बनाने का काम करते हैं। 

पुराने कपड़ों से कैसे बनाई जाती है चटाई - 


आजकल पुराने कपड़ों से बिस्तर बनाने जा काम बहुत कम हो गया है। अब कपड़ो से बने भारी बिस्तर की जगह रुई और फोम से बने बिस्तर जगह ले रहे हैं। ऐसे में पुराने कपड़ों का उपयोग चटाई बनाने में बढ़ गया है। ऐसे में आपको बताते है पुराने कपड़ों से चटाई बनाने की विधि। 

दरी बनाना - 


सबसे पहले सभी पुराने कपड़ों को धोकर साफ कर लीजिए। जब कपड़े सूख जाए तो इन्हें पतली-पतली पट्टियों में काट लीजिए। जब यह काम पूरा हो जाए तो आप एक खाली खटिया ले लीजिए या डंडे बांध कर एक खटिया जैसा ढांचा बना लीजिए, इन्हें आप नीचे के चित्र को देखकर समझ सकते हैं। 
सबसे पहले खटिया या ढांचा जो भी आप उपयोग में लेने जा रहे हैं, उस पर कपड़े की पट्टी की तान खिंच लीजिए। यह ठीक वैसे ही खिंचनी है जो आपको ऊपर की चित्र में सफेद धागे जैसी कपड़े की पट्टियां नजर आ रही हैं। इसके लिए एक तरफ पट्टी को कसकर बाँध दीजिए अब पट्टी को दूसरे छोर पर ले जाकर डंडे के लपेट (ऊपर से ले नीचे से वापस खिंच लो) वापस उस सिरे पर ला उससे लपेट दूसरे छोर पर ले जाओ। ऐसा करते जाए। यह आपको धागे की लकीरों जैसा नजर आने लगेगा। यहां ध्यान दे की यह तान मजबूत रखे ताकि दरी मजबूत बने। इन्हें ढीला रखा तो दरी मजबूत नहीं बनेगी। 

तान को खींच लेने के बाद आप कपड़े की पट्टी ले तान के एक कोने में तान की पट्टी से बाँध कर अब इस पट्टी को तान की डोरी के एक पट्टी के ऊपर से और दूसरे के नीचे से निकालते जाएं। यह जाली जैसा बन जाएगा जो आप पट्टियों के साथ बना हुआ देख रहे हैं। जब आप अंतिम पट्टी तक यह कार्य पूरा कर से उस वक्त खटिया पर लिपटे डोरे (पट्टी) को काट दीजिए और दो-दो पट्टी में गांठ बाँध दीजिए। अब आपकी दरी तैयार हो चुकी है, इसे आप घर में कहीं भी बैठने के काम में ले सकते हैं। 

पुराने कपड़े से बनाई जाने वाली चटाई को विभिन्न रंग और डिजायन देने के लिए जाली बनाने के लिए उपयोग में ली जाने वाली पट्टियों को अलग-अलग रंगों का रखे ताकि इसमे विभिन्न डिजायन दी जा सके। 

पायदान बनाना - 


घरों में गंदगी ना हो इसके लिए गेट पर पायदान लगाए जाते हैं। आप भी पुराने कपड़ों से ऐसे पायदान बना सकते हैं। ऐसे पुराने कपड़ों से बने हुए पायदान आप नीचे के चित्रों में देख सकते हैं। 
पुराने कपड़ों से जोधपुर में बनने वाली चटाई घर पर बनाओ। Purane Kapde

पुराने कपड़ों से पायदान बनाने के लिए सबसे पहले कपड़ो को साफ धो लीजिए। सूखने के बाद पट्टियों में काटकर तीन पट्टी लेकर चोटी की तरह गूंथ लीजिए। इसे गूँथने के बाद आप ऊपर चित्र में दिए गए दोनों प्रकार में से किसी भी प्रकार का पायदान बना सकते हैं। गोल पायदान बनाने के लिए इसे गोल लपेट कर सुई धागे से सील दीजिए। अगर आप चौकोर पायदान बनाना चाहते हैं तो इसे एक दूसरे से जोड़ते हुए सील दीजिए। ऐसे पुराने कपडों से आपका पायदान तैयार हो जाएगा। 

कैसे विभिन्न रंग दिए जाते हैं चटाई को? 


पुराने कपड़ों से घर में बनाई जाने वाली चटाई को विभिन्न रंग देने के लिए सफेद रंग की पतली पट्टियों की तान देने के बाद जाली के लिए अलग-अलग रंग के कपडों का उपयोग करे। सफेद पट्टी ना दिखे इसके लिए जाली बनाने वाली दो पट्टी ऊपर-नीचे एक साथ चलाए। ये पट्टी वैसे ही लगानी है एक ऊपर एक नीचे (इससे सफेद पट्टी पूरी तरह से कवर हो जाएगी) करते हुए जाली बनाये जैसे आप पलंग या कुर्सी बनाते हैं। 

रंग देने के लिए वहाँ पर रंगीन पट्टी का उपयोग करे जहां आपको विशेष रंग देना है। फूल बनाने के लिए फूल की आकृति की तरह अलग रंग की पट्टी चलाए। सीधी पट्टी डालने के लिए अलग-अलग रंगों की 5 पट्टी चलाए ताकि अलग-अलग रंग की पट्टियां आ सके। 

क्या उपयोग में ले सकते हैं, पुराने कपड़ों की चटाई? 


पुराने कपड़ों से बनी हुई चटाई का उपयोग आप घर में कहीं बैठने के लिए, मेहमान आने पर जमीन पर बैठकर बातचीत करते समय बिछाने के लिए। घर में आप योग करते हैं तो उस समय बिछाने के लिए। घर के वाहनों को ढंकने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। 

पुराने कपड़ों से बनी हुई चटाई का उपयोग बिस्तरों को ढंकने और पायदान के रुप में भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जहां दरी का उपयोग किया जा सकता है, वह सभी काम पुराने कपड़ों से बनी हुई चटाई के भी किए जा सकते हैं। 

पुराने कपड़ों की चटाई के फायदे - 


अक्सर लोग पूछते हैं कि घर पर पुराने कपड़ों की चटाई बनाने का क्या फायदा है? लोग घर में आखिर ऐसी चटाई क्यों बनाये? तो आपको इसके कुछ फायदे बता देते हैं, जो निम्न हैं - 

  • पुराने कपड़ों का ढ़ेर हटा देना - घर में पड़ा हुआ पुराने कपड़ों का ढ़ेर जो मच्छरों का घर बन चुका है, उसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। 
  • सस्ती - ऐसी दरी या चटाई के लिए कुछ कपड़े बाजार से खरीदने पड़ भी जाए तब भी यह बाजार से खरीदी जाने वाली चटाई के मुकाबले में सस्ती ही पड़ती हैं। 
  • अधिक उपयोग - इस प्रकार की दरी और चटाई बाजार वाली दरी से सस्ती पड़ती है, जिसके कारण व्यक्ति इसके कई वैकल्पिक उपयोग जैसे वाहन को ढंकने और पायदान के रुप में भी कर सकता है। 
  • पर्यावरण सुरक्षा - अधिकांश मामलों में अक्सर शहरो में देखा जाता है कि लोग पुराने कपड़े या तो फेंक देते हैं या जला देते हैं। दोनों ही प्रकार के कार्य पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में पुराने कपडों का पुनः उपयोग किया जाए तो पर्यावरण को अपेक्षाकृत कम नुकसान होगा। 
  • कला प्रदर्शन -  आप घर पर पुराने कपड़ों से चटाई बनाकर अपने अंदर छुपी हुई कला का प्रदर्शन समाज के सामने कर सकते हैं। 

इनके अतिरिक्त भी कई फायदे हैं जैसे कभी किसी वस्त्र की आवश्यकता है कोई चीज़ ढंकने के लिए तो आप ऐसी दरी का उपयोग कर सकते हैं। किसी चीज़ को फेंकने से बेहतर है उसे किसी काम में लिया जाए। 

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न - पुराने कपड़ों का क्या करे? 

उत्तर - पुराने कपड़ों से घर पर बिस्तर या चटाई बना लेनी चाहिए। 

प्रश्न - क्या पुराने कपड़े फेंक देने चाहिए? 

उत्तर - बिल्कुल भी नहीं। शहरों में इससे नालियां डट जाती है तो गांवों में खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं। 

प्रश्न - क्या पुराने कपड़े जला देने चाहिए? 

उत्तर - नहीं इससे घर में प्रदुषण फैलता है। 

 प्रश्न - लोग पुराने कपड़े खरीफ क्या करते हैं? 

उत्तर - इससे दरी, चटाई और थैले आदि बनाते हैं। 

प्रश्न - क्या पुराने कपड़े दान कर देने चाहिए? 

उत्तर - अगर आपके किसी उपयोग के नहीं हैं तो किसी आश्रम को दान कर देने चाहिए। 

प्रश्न - क्या पुराने कपड़े देकर बदले में बर्तन लेना उचित है? 

उत्तर - पुराने कपड़े जब आपके लिए कोई काम के नहीं हैं तो बर्तन लेने में क्या दोष। 

प्रश्न - पुराने कपड़ों का दान कब करना चाहिए? 

उत्तर - पुराने कपड़ों का दान सर्दी के मौसम में अधिक उपयुक्त है। 


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