लोहे की खिड़की का डिजायन। Iron Window Design

लोहे की खिड़की का डिजायन। Iron Window Design

खिड़की एक झरोखा है जो किसी मकान या इमारत के भीतर बाहर से प्रकाश और वायु आने के लिये दिवार मे बना हुआ एक छोटा दरवाजा हैं। खिड़की का उपयोग दिवार के आरपार देखने के लिए भी किया जाता है। घरों के अलावा खिड़की जहाज, रेल, आदि में वातायन के लिए बनाई जाती हैं।

खिड़की या झरोखा किसी मकान में प्रकाश और हवा आने के उदेश्य से बनाया जाता है, लेकिन वर्तमान में वास्तुकला में भी इसका अद्वितीय स्थान है। यही कारण है कि जयपुर के हवामहल के झरोखों का लुप्त उठाने और वास्तुकला का दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष लाखो पर्यटक आते हैं।


लोहे की खिड़की -


लोहे की खिड़की से तात्पर्य खिड़की को लोहा से बनाने से है। लोहे की खिड़की बनाने के लिए लोह-धातु उपयोग में ली जाती हैं। वर्तमान समय में, लकड़ी की कमी के कारण लोहे की खिड़कियाँ बनाई जा रही है। लोहे की खिड़कियाँ भी लकड़ी की भांति ही मजबूत होती है, साथ ही लकड़ी की तुलना में लोहे की खिड़कियाँ बनाने के कारीगर आसानी से मिल जाते हैं। 

घरों की खिड़की बनाने के लिए लोहे का उपयोग बढ़ रहा है। इसका कारण लकड़ी की तुलना में लोहे की खिड़कियाँ कम कीमत पर अधिक आकर्षक बनाई जा सकती हैं। इसमे मच्छर रोधी जाली और फ्रेम (ग्रिल) लोहे की की लगाई जाती है, जो लकड़ी में भी लगती है तो एक काम के लिए दो जगह क्यों घूमना? ऐसे में आप समझ सकते हैं कि लोहे की खिड़की का अर्थ लोहे से बनी हुई खिड़की से हैं। 

खिड़की से घर का सौंदर्य बढ़ाना -


खिड़की का उपयोग घर में प्रकाश और हवा के लिए होता है। मानव का स्वभाव और उसका कला के प्रति झुकाव खिड़की को घर के सौंदर्य से जोड़ने लगा, उसी का परिणाम है कि अब खिड़की बनाते समय घर के सौंदर्य को भी ध्यान में रखा जाता है। झरोखे हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं। ऐसे में खिड़की का स्थान और बनावट भी घर के सौंदर्य को बढावा देते हैं। खिड़की पर रंगीन पर्दे का उपयोग कर इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है। घरों में पर्दे का सही स्थान खिड़की ही होता है। 

खिड़कियाँ एक तरफ घर में प्रकाश, हवा और रौनक लाती है तो दूसरी ओर घर के सौंदर्य को चार चांद लगाती है। खिड़की से दिवारों का सौंदर्य बढ़ जाता है और अंदर से नकारात्मक ऊर्जा अथवा गर्म हवा बाहर निकल जाती है, जो आंतरिक सौंदर्य का वास्तविक स्वरूप है। खिड़की वाला कमरा अंदर से साफ, स्वच्छ और बड़ा नजर आता है तो वहीं बाहर से कमरे की सुन्दरता को बढ़ाती है खिड़की की वास्तुकला और ग्रिल की सुन्दरता। हवामहल के बारे में बात की जाए तो बाहर से सुन्दरता देती है झरोखों की वास्तुकला। ऐसे ही कई घर आपने भी देखे होंगे और उनके कलात्मक झरोखे देखकर आपका मन मोहित हो गया होगा। 

लोहे की खिड़की के डिजायन -


लोहे की सभी खिड़कियाँ एक जैसी नहीं होती है। इनकी डिजायन भिन्न-भिन्न होती है, इसी डिजायन से खिड़की और मकान दोनों की सुन्दरता आती है। ऐसे में कुछ विशेष डिजायन की बात करते हैं जो खिड़की की सुन्दरता में चार चांद लगाने के साथ ही बजट के अनुसार होती है। 

साधारण लोहे की खिड़की - 

लोहे की खिड़की का डिजायन। Iron Window Design

साधारण लोहे की खिड़की में एक लोहे की चोखट दीवार से लगी हुई होती है। दीवार में लगी हुई चौखट से खिड़की के फलक को कब्जा (hinge) लगाकर जोड़ दिया जाता है। कब्जा की संख्या का निर्धारण उसकी ऊंचाई से होता है। इस तरह की साधारण खिड़की तब लगाई जाती है, जब खिड़की की चौड़ाई बहुत कम होती है। ऐसी खिड़की उस कमरे के लिए उपयुक्त होती है, जिसकी खिड़की घर के भीतरी हिस्से में खुलती हो। साधारण खिड़की का उपयोग रसोई घर में भी किया जाता है। ऐसी खिड़की बहुत ही कम जगह पर देखने को मिलती क्योंकि साधारणतया लोग दो फलक की खिड़की को अधिक पसंद करते हैं। चित्र में आप दो फलक की खिड़की देख रहे हैं, जो एक फलक की भी हो सकती हैं। 

बार वाली लोहे की खिड़की - 

बार वाली लोहे की खिड़की में, लोहे की सड़े (सरिया) लगा हुआ होता है। लोहे के सरियो से मजबूत खिड़की बनती है। कई बार एक या दो फलक की लोहे की चद्दर से खिड़की बनाने के बाद उसकी चौखट के बाहर (जिससे खिड़की अंदर की तरफ खुले) चौखट से वेल्डिंग कर बार जोड़ दिए जाते हैं। इससे खिड़की मजबूत बनती है और इसके खुला रह जाने की दशा में भी कोई बाहरी अंदर नहीं घुस सकता है। सुरक्षा, रोशनी और हवा की दृष्टि से यह सबसे उत्तम खिड़की मानी जाती है। बार वाली खिड़की के बार और फलक का अलग रंग किए जाने से दूर से देखने पर चौकड़ी रंग की नजर आती है पर सामन्यतः लोग एक जैसा ही रंग करते हैं, क्योंकि इससे दिवार के साथ संयोजन बना रहता है। 

बार और मच्छर जाली वाली खिड़की


जहां मच्छर होते हैं या अन्य कोई कीट होते हैं, वहाँ लोग कीट और मच्छर के बचाव के लिए बार से खिड़की बना उस पर जाली लगा दी जाती है। ऐसी खिड़की दिन के समय में रोशनी के लिए उपयुक्त रहती है। तथा यह सस्ती भी पड़ती है। इस तरह की खिड़कियों का उपयोग कम बजट वाले घरों में किया जाता है तथा साथ ही कम गोपनीयता की दृष्टि से भी इस प्रकार कि खिड़की को उपयुक्त माना जाता है। 

बार की जाली वाली खिड़की - 


पहले जिस डिजायन के बारे में पढ़ा, वह बार के साथ मच्छर जाली लगाए जाने की थी। यह डिजायन उससे बनावट से भिन्न है, बार से जाली बनाये जाने की हैं। इसमे लौहे के सरियो (बार) को वर्ग आयात या अन्य किसी डिजायन में आड़े-तिरछे लगाकर जाली बना दी जाती है। अब तक आपने जितनी भी डिजायन के बारे में पढ़ा यह उनमे सबसे महंगी है। इसका भार अन्य प्रकार की खिड़कियों के मुकाबले में अधिक होता है। ऐसी जाली बनाए जाने का उदेश्य सुरक्षा के साथ सौंदर्य भी है। क्योंकि इस प्रकार की जाली पर फूल और अन्य लौहे की कटिंग की आकृतियाँ लगाकर अच्छा रंग किया जा सकता है। 

लोहे के पल्लो (फलक) वाली


लोहे के दो या अधिक पल्ले फलक लगे हुए होते हैं। ये फलक कमरे के अंदर की तरफ खुलते हैं। सामन्यतः ये फलक लोहे की चद्दर से बने हुए होते हैं। चद्दर जितनी मोटी होती है, उतना ही रंग बढ़िया किया जा सकता है और सौंदर्य को बढावा दिया जा सकता हैं। बजट अधिक होने पर फलक के आगे चौखट के साथ ग्रिल लगाई जा सकती है। 

लोहे के चौकोर पाइप वाली - 

इस तरह की खिड़की में फलक में चौकोर पाइप लगी हुई होती है। फलक की चद्दर भी कटी हुई होती है, जो इस चौकोर पाइप से जुड़कर फलक को पूरा करती है। ऐसी चौकोर पाइप वाली खिड़की के फलको पर भी फूल पत्ती लगाई जा सकती है। ऐसी खिड़कियाँ जब कमरे के अंदर खुली हुई होती है तो आंतरिक भाग को अधिक आकर्षक बनाती है। पाइप के भारी होने के कारण ये अधिक मजबूत भी होती है। चौकोर पाइप वाली खिड़कियों की चलन वर्तमान में इस कारण से भी बढ़ रही है क्योंकि इन्हें कुछ इस तरीके से रंगा जाता है, जिससे ये लकड़ी की खिड़की की भांति नजर आती है। 

कांच वाले दो या दो से अधिक फलक की लोहे की खिड़की

इस प्रकार की खिड़की में दो या अधिक फलक हो सकती है। इसकी फ्रेम लोहे से बनी हुई होती है, किंतु लोहे की चद्दर का उपयोग नहीं किया जाता है। लोहे की चादर की बजाय कांच लगा दिए जाते हैं, जो हल्की होती है। सामन्यतः कांच के फलक वाली खिड़की में दो से अधिक ही फलक होते हैं। कांच के फलक इसलिए उपयोग में लिए जाते हैं ताकि आपस में टकराने से तेज आवाज ना हो। कांच के फलक वाली खिड़कियां लोहे के फलक वाली खिड़कियों के मुकाबले में हवा में हिलती डुलती भी कम है और कांच पर पेंटिंग कर सौंदर्य को अधिक बढ़ाया जा सकता है। 

सरकाने (स्लाइड) वाली 


इस प्रकार की खिड़की स्लाइड के रुप में होती है। वर्तमान में, स्लाइड वाली खिड़कियों के लिए एल्यूमिनियम अधिक उपयोग में लिया जाता है, किंतु पहले लोहे से भी बनाई जाती थी और आज भी बनाई जा रही है, जिसमें फलक कांच और लोहे की चद्दर दोनों प्रकार के उपयोग में लिए जा सकते हैं। 

कलात्मकत ग्रिल वाली - 

आधुनिक समय खिड़की की डिजायन के लिए बेहतर ग्रिल के चयन का है। जितनी बढ़िया और भारी ग्रिल लगाई जाती है, उतनी ही सुन्दरता बढ़ती है। ग्रिल के कई डिजायन है जो खिड़की के मुकाबले में अधिक है। खिड़की का उदेश्य हवा और प्रकाश का होता है और ग्रिल का उपयोग सुन्दरता। सुन्दरता के लिए कितना भी खर्च किया जा सकता है, इसलिए ग्रिल की डिजायन असीमित है, लेकिन कुछ फिक्स भी है, जो थोड़ी सस्ती होती है। 

खिड़की से सुन्दरता और साफ-सफाई -


खिड़की से एक तरफ घर और कमरे की सुन्दरता आती है तो दूसरी ओर बिना खिड़की वाले कमरों के मुकाबले में अधिक साफ-सफाई बनी रहती है। आप सोच रहे होंगे, खिड़की का साफ-सफाई से क्या सम्बन्ध? आपको बता दे कि खिड़की वाले कमरों में प्रकाश बराबर आता है, जिससे कमरे की दिवारें और फर्श गीला नहीं रहता है। दिवारें और फर्श सूखा रहने से सफाई अधिक बनी रहती हैं। जिन कमरों में खिड़कियां अधिक होती है वहाँ अधिक रोशनी होने से कीट और मकड़ी के रहने की जगह भी कम होती है। ऐसे में साफ-सफाई अपने आप बनी रहती है। जरा आप स्वयं सोचिए अगर किसी कमरे को कई दिन बंद रखा जाए तो उसकी हालत क्या हो जाती है? जालों से दिवारें भर जाती है, किंतु खुले कमरों में अपेक्षाकृत कम जाले लगते हैं। वैसे ही बंद कमरे से एक बू (दुर्गन्ध) भी आने लगती है, लेकिन खिड़की के खुला रहने पर नहीं आती है। 

जिस कमरे में रोशनी अधिक हो और फर्श सूखा हुआ हो उसकी सफाई बेहतर तरीके से की जा सकती हैं। कम रोशनी और गिले या चिप-चिप वाले कमरे में गंदगी अधिक रहती है। ऐसे में खिड़की आंतरिक सौंदर्य को बढावा देती है। खिड़की पर आप अपनी पसंद के पर्दे लगा इसे और भी बढ़ा सकते हैं। 

महत्वपूर्ण प्रश्न -


प्रश्न - बड़ी लोहे की खिड़की की डिजायन कैसी होनी चाहिए?

उत्तर - बड़ी लोहे की खिड़की के दो से अधिक फलक होने चाहिए और इसकी फ्रेम लोहे की रखे तथा, फ्रेम में कांच रखे ताकि हवा में ज्यादा आवाज ना करे।

प्रश्न - बेडरूम की खिड़की का डिजायन कैसा होना चाहिए?

उत्तर - बेडरुम में चौकोर खिड़की होनी चाहिए, दो आंगन से 2 से 2.5 ऊंचाई पर हो यथा न्यूनतम लम्बाई चौड़ाई 2x3 हो।

प्रश्न - रसोईघर की खिड़की का डिजायन कैसा होना चाहिए?

उत्तर - रसोई घर की खिड़की 2 फीट की ऊंचाई पर होनी चाहिए तथा उसकी लंबाई और चौड़ाई रसोई के हिसाब से होनी चाहिए। किंतु कोशिश होनी चाहिए कि खिड़की से धूप सीधी फर्श तक पहुंचे।

प्रश्न - खिड़की की डिजायन किस पर निर्भर करती है?

उत्तर - लकड़ी की खिड़की की डिजायन उस पर की जाने वाली वास्तुकला पर निर्भर करती है।

प्रश्न - लोहे की खिड़की की डिजायन किस पर निर्भर करती है?

उत्तर - लोहे की खिड़की की डिजायन उसके ग्रिल पर निर्भर करती है, ऐसे में खिड़की बनाते समय ग्रिल की डिजायन को खास महत्व देना आवश्यक हैं।

प्रश्न - खिड़की पर कैसा रंग करना चाहिए?

उत्तर - खिड़की अगर समान्य है तो दिवार के रंग से मिलता-जुलता रंग करे। अगर ग्रिल पर डिजायन है तो तारो में चमकीला, पत्ती में हरा और फूल में पीला, लाल या गुलाबी रंग करे।

प्रश्न - खिड़की का क्या महत्व है?

उत्तर - खिड़की का महत्व रोशनी और हवा के लिए हैं। 

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