वृक्षारोपण : एक फैशन नहीं है, आज की आवश्यकता है। Vriksharopan

वृक्षारोपण : एक फैशन नहीं है, आज की आवश्यकता है। Vriksharopan

वृक्षारोपण पर निबंध 


पेड़ जीवन का आधार है। हवा के बिना जीवन का अस्तित्व सम्भव नहीं है, वैसे ही पेड़ के बिना भी जीवन अस्तित्व नहीं है। हमे अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए हवा यानी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो पेड़ों से मिलती हैं। 

पेड़ हरियाली के साथ जीवन रक्षक भी है, ऐसे में वृक्षारोपण अति आवश्यक है। पेड़ों के महत्व को देखते हुए प्रतिवर्ष विभिन्न सरकारी विभाग और सामाजिक संगठन वृक्षारोपण कर पेड़ों की संख्या को बढ़ाने का दावा करते हैं।

वृक्षारोपण का अर्थ -


वृक्षारोपण से अभिप्राय किसी छोटे (नए उगे हुए) पौधे को एक स्थान से हटाकर दूसरी जगह पर लगाने से है। शाब्दिक अर्थ से वृक्षारोपण को देखा जाए तो यह दो शब्दों से बना हुआ शब्द है, वृक्ष + रोपण। वृक्ष का आशय पेड़ या पौधा और रोपण का अर्थ रोपने से हैं। ऐसे में वृक्षारोपण का अर्थ किसी स्थापित पेड़ को एक जगह से दूसरी जगह पर रोपने से है। ऐसे में आप यह भी कह सकते हैं कि पौधे को एक स्थान से दूसरे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को ही वृक्षारोपण कहा जाता है। 

वृक्षारोपण को कई लोग पौधरोपण भी कहते हैं। जिसका सीधा सा अर्थ होता है कि पौधे को भूमि में रोपना। वृक्षारोपण में बीज नहीं बोया जाता है बल्कि पौधे को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह पर लगाया जाता है, जहां उसे फलने-फूलने के लिए आवश्यक स्थान और खाद पानी मिल सके। वृक्षारोपण का उदेश्य भूमि पर जीव  और वनस्पति में संतुलन स्थापित कर प्राकृतिक सौंदर्य को बढावा देना और असंतुलन की स्थिति से आने वाली आपदाओं को रोकना।

वृक्षारोपण की आवश्यकता -


वृक्ष वायुमंडल में उपस्थित कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखकर पर्यावरण को शुद्ध करने के सहयोग के साथ ही ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं। मनुष्य के लिए प्राणघातक हवा को साफ कर प्राण रक्षक हवा प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त भी कई प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता होती हैं। पेड़ तापमान को कम करने से लेकर बरसात होने में अहम भूमिका निभाते हैं। 
  • वानिकी - पेड़ों के महत्व को देखते हुए सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठन वानिकी को बढावा देने के उदेश्य से वृक्षारोपण करते हैं। 
  • शुद्ध हवा- पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड को ग्रहण कर ऑक्सीजन देते हैं, जिससे पर्यावरण साफ बना रहता है और मनुष्य के जीवन जीने योग्य बनता है। 
  • भूमि सुधार - ऐसी भूमि को कृषि योग्य नहीं है, पानी के कटाव से या किसी अन्य कारण से। साथ ही खाद की कमी के चलते भूमि कृषि योग्य नहीं है तो सरकार वृक्षारोपण करा भूमि को कृषि योग्य बना सकती है। यही कारण है कि किसान भी खेतों की मेड़ पर वृक्षारोपण करते हैं। 
  • भू-निर्माण - भू-निर्माण से तात्पर्य भूमि के सुधार से ऊपर उठकर भूमि को समतल बनाये जाने से है। पेड़ लगाने से भूमि का कटाव रुकता है और खाद की आपूर्ति होती है परिणामस्वरूप भूमि का निर्माण इस तरीके से होता है, जिस पर खेती की जा सके। 
  • परिस्थितिकी संतुलन - भूमि पर मनुष्य, जीव-जंतु और वनस्पति का समान महत्व है, ऐसे में परिस्थितिकी संतुलन को बनाये रखने के लिए पेड़ लगाना आवश्यक हैं।
वृक्षारोपण आज की आवश्यकता है। जिस प्रकार से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और पेड़ों की संख्या में कमी आ रही है, उसे पूरा करने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। सरकारें इसके लिए विशेष अभियान चलाने के अतिरिक्त लोगों को पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। 

वृक्षारोपण कहाँ करना चाहिए?


आजकल जैसे ही मॉनसून की शुरुआत होती है, एक हाथ में कैमरा और दूसरे हाथ में पौधा लेकर वृक्षारोपण करने वालों का हुजूम उमड़ पड़ता है। हर कोई कैमरा लेकर निकल जाता है वृक्षारोपण करने के लिए। लेकिन सबसे उपयुक्त प्रश्न भूल ही जाता है, यह कैमरा लेकर वृक्षारोपण करने वाला यह हुजूम। ऐसे में आपको बता देते हैं कि वृक्षारोपण कहाँ पर किया जाना चाहिए, जिससे पौधा पेड़ बन सके और आने वाले कल किसी को फल देने के लिए काबिल हो सके। 
  1. फलने-फूलने के लिए पर्याप्त स्थान हो - वृक्षारोपण उस स्थान पर किया जाना चाहिए जहां पौधे को पूरी तरह से फलने-फूलने और बड़े होने का पर्याप्त स्थान मिल सके। इसके लिए यश ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण खेतों की मेड़ और सड़क के किनारों पर किया जाना चाहिए। ऐसे ही शहरों में बगीचों में वृक्षारोपण किया जा सकता हैं, वहाँ पौधे को पनपने के लिए पर्याप्त स्थान मिल जाता है। ऐसे स्थानो पर वृक्षारोपण किए जाने से आने वाले कल में यह छोटा सा पौधा विशाल वृक्ष बनकर आने वाली पीढ़ी को फल-फूल, छाया और हवा के लिए काबिल बन सके। 
  2. धूप मिल सके - वृक्षारोपण ऐसी जगह किया जाना चाहिए, जहां पौधे को पूरी धूप मिल सके। क्योंकि आप जानते ही हैं कि पेड़ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से अपना भोजन बनाते हैं, अगर धूप ना मिले तो पौधा सूख जाएगा। वृक्षारोपण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेड़ के नीचे पेड़ ना लगाएं। 
  3. जानवरों से खतरा ना हो - पौधे ऐसी जगह नहीं लगाने चाहिए, जहां उसको जानवरों से किसी प्रकार का खतरा ना हो। जानवरों की पहुंच पौधे तक नहीं होनी चाहिए। अगर पौधा जानवरों की पहुंच में है तो उसे ट्री गार्ड से सुरक्षित किया जाना चाहिए। 
  4. नियमित खाद-पानी दिया जा सके - पौधे ऐसी जगह पर लगाने चाहिए, जहां उन्हें नियमित खाद-पानी दिया जा सके। कई लोग अपने घर से दूर पेड़ लगाने चले जाते हैं, उसके बाद देखने तक नहीं जाते की उस पौधे का क्या हुआ? घर से दूर किया गया ऐसा वृक्षारोपण शत-प्रतिशत अनुपयोगी होता है। ऐसे में वृक्षारोपण ऐसे स्थान पर करे जहां आप पौधे को खाद-पानी देने के साथ उसकी सुरक्षा भी कर सके। 
  5. भविष्य में हटाने की संभावना ना हो - पौधे लगाओ तो ध्यान रखो वो पेड़ बने। किसी को छाया दे सके, हवा और फल-फूल दे सके। पौधे को भविष्य में हटाने की कोई संभावना नहीं हो ऐसा ध्यान रखे। ऐसा नहीं कि आप पौधा सड़क के बीच लगा दे तो क्या होगा? ऐसी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। 
आजकल अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि लोग जैसे ही बरसात शुरु होती है लोग निकल जाते हैं, कहीं भी पेड़ लगाने। ऐसे वृक्षारोपण का क्या अर्थ? पेड़ लगाते समय फोटो और सोशल मीडिया से ऊपर उठकर पौधा लगाए। अगर आपके पास जगह नहीं है तो किसी जरूरतमंद को पौधा दान कर देना चाहिए, बजाय असुरक्षित जगह पर वृक्षारोपण करने के। 

वृक्षारोपण कब किया जाना चाहिए?


वृक्षारोपण 12 महीने चलने वाला कार्यक्रम नहीं है। वृक्षारोपण का निश्चित समय होता है, उसी दौरान वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। किसी भी समय वृक्षारोपण किए जाने से पौधे के पनपने कि प्राययिकता बहुत ही कम होती है। ऐसे में वृक्षारोपण सही समय से करे ताकि पौधों के दुरूपयोग को रोका जा सके। 

वृक्षारोपण करने के लिए सही समय मॉनसून का कालखंड होता है, इसलिए वृक्षारोपण का कार्य मॉनसून में ही किया जाना चाहिए। अगर सबसे उपयुक्त समय कहे तो 1 जुलाई से 15 अगस्त के बीच वृक्षारोपण (अधिक गर्म स्थानो पर 15 जुलाई के बाद) किया जाना चाहिए। समय से पहले या समय के बाद वृक्षारोपण किए जाने से इसका कोई महत्व नहीं रह जाता है क्योंकि पौधे पूरी तरह से पनप नहीं पाते हैं। कई बार गलत समय पर वृक्षारोपण करने से पौधे को कीड़े लग जाते हैं और पौधा मर जाता है। 

फैशन/फोटो के लिए वृक्षारोपण ना करे


आजकल खासतौर से मॉनसून में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के साथ समाचार-पत्रों में वृक्षारोपण किए जाने की बाढ़ ही आ जाती है। लाखो नहीं बल्कि करोड़ों लोगों द्बारा वृक्षारोपण का दावा किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति 4-5 पेड़ लगाने का दावा करता है। ऐसी खबरें पढ़कर लगने लगता है आने वाले 4-5 साल में जो भी खाली जगह है और पेड़ लगाने के लिए उपयुक्त है, वो सब पेड़ों से सज जाएगी। आने वाले दिनों में इतने फलों के पेड़ हो जाएंगे कि भारत फल उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ निर्यात करने लगेगा। 

अफसोस की बात यह है कि भारत कृषि प्रधान देश होने के बावजूद वृक्षारोपण को आवश्यकता से अधिक फैशन मानने लगा है। सोशल मीडिया में का उपयोग करने वालों को तो छोड़ो, सरकारी अधिकारी भी एक ही पार्क में पिछले 15 साल से वृक्षारोपण कर रहे हैं। अधिकारियों द्बारा किए जाने वाले इस वृक्षारोपण की खबरे अखबारो की शोभा जरूर बढ़ाती है पर पार्क आज भी 15 साल के वृक्षारोपण के बावज़ूद पेड़ों से रिक्त है। यह वृक्षारोपण अखबारों की शोभा बढ़ाता है पर ध्यान नहीं देने से पौधा महज 15 दिन ही पार्क में रहता है 16 वे दिन बिना खाद और पानी के सूख जाता है। पार्क एक बाद फिर रिक्त हो जाता है और अधिकारी फिर उसी स्थान पर अगले साल भी वृक्षारोपण करते हैं अखबार की शोभा बढ़ाने। ऐसी प्रक्रिया बरसों से चली आ रही है, आगे कितने समय तक जारी रहेगी, कोई स्पष्ट नहीं कह सकता है। 

जब तक पेड़ लगाना अथवा वृक्षारोपण करने का कार्य महज अखबार की हेडलाइंस के लिए होगा, तब तक यूँ ही चलेगा। दूसरी तरफ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की बात करे तो पेड़ की छाया में पेड़ लगाते हैं और आधी बार तो कैमरा सही पकड़ने की स्थिति में फोटो क्लिक होने से पहले ही जानवर खा जाते हैं। जब तक पेड़ लगाना फैशन बना रहेगा तब तक यूँ ही चलता रहेगा। 

वृक्षारोपण करते समय ध्यान रखने योग्य बाते -


जैसे ही बरसात शुरु होती है। नर्सरी पर भीड़ जुटने लगती है, पौधे खरीदने वालों की। ऐसे ही भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। वृक्षारोपण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इससे आप भीड़ का हिस्सा बनने से बच सकते हैं। वास्तव में, वृक्षारोपण का अर्थ कल का पेड़ लगने से है। महज फोटो क्लिक से बचने और वास्तविक वृक्षारोपण करने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए - 
  • बारिश के समय वृक्षारोपण किया जाना चाहिए, धूप में नहीं। बारिश में वृक्षारोपण करने से पौधा पनपने के चांस बढ़ जाते हैं। 
  • बारिश के अभाव में ठंडक के समय वृक्षारोपण करे। 
  • गड्ढा खोदकर वृक्षारोपण करे, हो सके तो कुछ दिन पहले खोद दीजिए। 
  • गड्ढा खाद से भर देना चाहिए, खाद जैविक हो। 
  • ट्री गार्ड लगाने की जगह हो और तुरंत लगा देना चाहिए। 
  • ऐसी जगह पेड़ लगाये जहां उसे धूप पर्याप्त रुप से मिल सके। 
  • पेड़ की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। 
उपर्युक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। अगर किसी कारण से सभी शर्तें पूरी नहीं हो रही है तो वृक्षारोपण करने की बजाय वृक्षो को बांट दिया जाना चाहिए, ताकि जो लोग मेहनती है और पौधे की सर-सम्भाल ले सकते हैं वो एक पौधे को पेड़ बना सके। महज फोटो के लिए पौधे को खराब नहीं किया जाना चाहिए। 

अन्य प्रश्न -


प्रश्न - वृक्षारोपण दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर - अंतर्राष्ट्रीय वृक्षारोपण दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाता है।

प्रश्न - वृक्षारोपण पखवाड़ा कब मनाया जाता है?

उत्तर - वृक्षारोपण पखवाड़ा 1 से 7 जुलाई तक प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

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