चांदी और सोने की मांग भारत में हमेशा से रही है। भारत में महिलाओं को तो छोड़ो पुरुष भी आभूषणों के शौकीन हमेशा से रहे हैं। भारत की जान गांवों में बसती है और गांवों में रहने वालों के दिलों में आभूषण। स्त्री पुरुष हर कोई 2-4 आभूषण तो पहनता ही है।
सोने से पहले चांदी के आभूषणों का चलन ज्यादा था, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि अब चांदी का चलन नहीं रहा है। आज भी ग्रामीण भारत में हर महिला के पास 2-3 "किलो चांदी होती ही है। वैसे ही कई पुरुष भी हाथ और पैर में चांदी के कड़े पहनते हैं, लेकिन महिलाओ के मुकाबले में कम संख्या में पुरुष चांदी के आभुषण पहनते हैं।
चांदी में उछाल -
इस समय चांदी में बहुत बड़ा उछाल है, पिछले कुछ वर्षो के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि चांदी के मूल्यों में भारी उछाल आया है। चांदी के मूल्य तेजी से बढ़े हैं। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक चांदी 30% के आसपास उछाल ले चुकी है, पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो यह उछाल आपको हैरान करने वाला होगा।
चांदी के पिछले पांच वर्ष के मूल्यों का ग्राफ आप ऊपर देख रहे हैं। अगर जून, 2019 की बात की जाए तो चांदी ₹ 32000/- प्रति किलो के आसपास थी जो जून, 2024 में ₹ 95000 प्रति किलो के आसपास चल रही है। इस पांच साल के दौरान चांदी अपने मूल्य से लगभग 3 गुना का उछाल मार चुकी है। इतना बड़ा उछाल शायद ही किसी अन्य धातु में आया होगा। इतना बड़ा उछाल मारने के बाद भी चांदी के मूल्य कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दूसरी तरफ बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष के अंत से पहले तक चांदी ₹ 1 लाख प्रति किलो के पार जा सकती है। हालाँकि कई विशेषज्ञों का दावा है कि चांदी थोड़े उतार-चढ़ाव के बावजूद वर्ष के अंत तक एक बार ₹ 1.2 लाख प्रति किलो का आंकड़ा छू लेगी।
चांदी के उछाल के कारण -
कई लोगों के मन में ख्याल आ रहा है कि चांदी के आभूषणों की मांग पिछले कुछ वर्षो में तेजी से घटी है। आज से 20 वर्ष पूर्व चांदी के आभूषणों की जो मांग ग्रामीण भारत में थी, वो अब नहीं रही है। लोगों ने चांदी के स्थान पर सोने के आभूषणों को अधिक महत्व देना शुरु कर दिया है। ऐसे में चांदी की खपत क्या रह गई है? और मूल्यों में इतना उछाल क्यों आ रहा है? इस वक़्त चांदी के मूल्य क्यों बढ़ रहे हैं? आदि आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे। लेकिन चिंता ना करे हम आपको बताने जा रहे हैं, चांदी के मूल्यों के बढ़ने का वास्तविक कारण -
सोलर पेनल में उपयोग -
वर्तमान समय में भारत समेत दुनियाभर के सभी देश सौर ऊर्जा पर विशेष फोकस लगाए हुए है। सभी देश बढ़ी हुई विद्युत की खपत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। सौर ऊर्जा के उत्पादन में उपयोग लिए जाने वाले सौर पेनल को बनाने में चांदी का उपयोग होता है। चांदी के सोलर पेनल में होने वाले उपयोग से चांदी की खपत को बढावा मिला है।
चांदी विद्युत का उत्तम सुचालक है, जिसके कारण इसके पाउडर का उपयोग सिलिकॉन वेफर पर किया जाता है। चांदी अच्छा कंडक्टर होने के नाते तेजी से उत्पादित विद्युत को बैटरी में स्टोर कर लेता है। ऐसे मे 2 स्क्वायर मीटर (2x2 मीटर) का सोलर पेनल बनाने के लिए न्यूनतम 20 ग्राम चांदी का उपयोग होता है। ऐसे में सोलर पेनल के अधिक उत्पादन के साथ ही चांदी की खपत को बढावा मिलना तय है। जब खपत और उपभोग और बाजार मांग में वृद्धि होगी तो परिणाम स्वरूप आने वाले दिनों में इसमे और तेजी देखी जा सकेगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग -
चांदी के एक उत्तम विद्युत सुचालक होने के नाते सोलर पेनल में उपयोग होता है। ठीक उसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहन भी बैटरी से ऊर्जा प्राप्त कर चलते हैं। इस कारण इनमे भी चांदी का उपयोग होता है। जहां विद्युत और इलेक्ट्रिक है, वहाँ चांदी है। इलेक्ट्रिक वाहनों में भी विद्युत है तो वहाँ भी चांदी है।
ऐसा नहीं है कि चांदी केवल इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग हो रही है। यह पेट्रोल और डीज़ल के वाहनों में भी उपयोग में ली जाती रही है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के मुकाबले में पेट्रोल और डीज़ल के वाहनों में खपत कम थी। पेट्रोल और डीज़ल के वाहनों में प्रति वाहन औसतन 15-28 ग्राम चांदी का उपयोग होता था, जो इलेक्ट्रिक वाहनों में बढकर 25-50 ग्राम औसतन प्रति वाहन हो गया है।
इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में उपयोग -
चांदी उच्च कोटि का कंडक्टर होने के नाते इसका उपयोग इलेक्ट्रिक उपकरणों में होता है। चांदी का इलेक्ट्रिक उपकरण यथा स्विच बोर्ड, सर्किट और टीवी की स्क्रीन में होता है। ऐसे ही जहां विद्युत को तीव्र गति से गुजरना होता है वहाँ चांदी का उपयोग होता है।
इलेक्ट्रिक के अलावा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल और दूरसंचार के अन्य उपकरणों में भी चांदी का उपयोग होता है। आजकल इलेक्ट्रॉनिक का जमाना हैं जहां मोबाइल और कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ रहा है, वहाँ चांदी का उपयोग भी स्वतः ही बढ़ रहा है।
इतना ही नहीं चांदी का उपयोग इनके अतिरिक्त चिकित्सा के उपकरणों में भी बढ़ रहा है। जहां पहले महंगे धातु उपयोग में लिए जाते थे, वहाँ अब चांदी का उपयोग हो रहा है। चांदी के हल्के होने के कारण इसका उपयोग अन्य कई क्षेत्रो में बढ़ा है। इसके अतिरिक्त चांदी में निवेश भी बढ़ रहा है, जिसके कारण चांदी के मूल्यों में उछाल आ रहा है।
कैसे खरीदे चांदी -
चांदी के बढ़ते हुए मूल्यों को देखते हुए लोग चांदी में निवेश करने के लिए उतावले हो रहे हैं। लोग चांदी को खरीदने के लिए तरीके ढूँढ रहे हैं। ऐसे में उन्हें बता दे कि चांदी खरीदने के दो तरीके हैं ऑनलाइन और ऑफलाइन।
ऑनलाइन चांदी की खरीदारी -
आधुनिक समय ऑनलाइन का हैं। अधिकांश लोग ऑनलाइन खरीदी में यकीन करते हैं। चांदी को भी ऑनलाइन खरीदा और बेचा जा सकता है। ऑनलाइन चांदी खरीद के लिए कई वेबसाईट और एप उपलब्ध हैं। ऑनलाइन चांदी को क्रय करने के भी तरीके हैं, फिजिकल और वर्चुअल। आइए देखते हैं ऑनलाइन खरीद के तरीके।
- ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड) - यह शेयर बाजार की भांति ही चांदी को क्रय विक्रय करने का तरीका है। इस प्रकार के एक्सचेंज के पास भौतिक चांदी होती है। ये एक्सचेंज उपलब्ध चांदी को शेयर में बांट देते हैं और इसके स्वामित्व का विक्रय बाजार मूल्य पर कर देते हैं। यहां आप चांदी का शेयर खरीद सकते हैं और आवश्यकता होने पर बाजार मूल्य पर बेच भी सकते हैं।
- वायदा अनुबंध (Derivatives) - वायदा बाजार का संबंध भविष्य से होता है, ऐसे में चांदी के वायदा बाजार का सम्बंध भी भविष्य से है। यहां भौतिक रुप से चांदी का विक्रय हो भी सकता है और नहीं भी लेकिन आप यहां भविष्य के मूल्य को ध्यान में रखते हुए आपके पास चांदी हो या ना हो क्रय-विक्रय कर सकते हैं। आपके द्वारा तय किए गए मूल्य पर आप चाहें तो भविष्य में क्रय भी कर सकते हैं। वायदा बाजार को पूरी तरह से समझने के लिए आपको जल्द ही दूसरे लेख से समझायेंगे। अगर आप वायदा बाजार के बारे में जानना चाहते हैं तो कमेन्ट कर बताये।
चांदी के ऑनलाइन क्रय करने से आपके समय की बचत होती है। आजकल चांदी के सिक्के खरीदने के लिए आप फोन पे और पेटीएम का उपयोग करते हुए भी ब्लिंकिट (Blinkit) एप का उपयोग कर सकते हैं जो एक दिन में आपको सिक्कों की डिलिवरी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चांदी की ऑफलाइन खरीद -
चांदी को आप चाहें तो ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन भी खरीद सकते हैं। जिसमें आपको हाथोंहाथ डिलिवरी हो जाती है। इसके लिए आप अपने आसपास सुनार (jewellery) की दुकान जाकर उनसे या सर्राफा बाजार (जहां सोने और चांदी का क्रय विक्रय होता है) से भी खरीद सकते हैं। ऑफलाइन चांदी को आप कई तरीके से खरीद सकते हैं, जो निम्न है -
- आभूषण - आप अपने आसपास सुनार की दुकान से या किसी शोरूम से चांदी के बने हुए आभूषण खरीद सकते हैं। आभूषण खरीदते समय इस बात का ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि आभूषणों को बनाने में कितने प्रतिशत शुद्ध चांदी का उपयोग हुआ है। क्योंकि सभी प्रकार के आभूषण शुद्ध चांदी से बने हुए नहीं होते हैं। इनमे चांदी के अतिरिक्त अन्य सस्ते धातु पकड़ को मजबूत करने के लिए मिलाए जाते हैं। ऐसे मे ध्यान रखे कि यह चांदी खरीदने का एक विकल्प है, लेकिन निवेश का नहीं।
- चांदी के सिक्के - अक्सर दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए आपने देखा होगा कि चांदी के सिक्कों को खरीदा जाता है। ऐसे ही आप किसी भी वक्त चांदी में निवेश करने के लिए सिक्के खरीद सकते हैं। सिक्के खरीदने का एक लाभ यह है कि सिक्के किसी विशेष बाजार या सर्राफ टकसाल द्वारा जारी किए जाते हैं, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि सिक्का पूरा शुद्ध है या नहीं। सामन्यतः इस तरह के सिक्के शुद्ध ही होते हैं और भार भी बताए अनुसार पूरा होता है। ऐसे में जो लोग कम अथवा छोटा निवेश महीने दर महीने करना चाहते हैं उनके लिए सिक्का बेहतर विकल्प हैं।
- चांदी की ईंट - अगर आप बड़ा निवेश करना चाहता है न्यूनतम एक किलो का तो चांदी की ईंट को खरीदा जाना सबसे बेहतर है। आप सीधे सर्राफा बाजार से चांदी की ईंट खरीफ सकते हैं। यहां ध्यान दीजिये आजकल कई चांदी का ऑनलाइन क्रय विक्रय करने वाली वेबसाईट भी चांदी की होम डिलिवरी करती है।
जब भी आप चांदी या सोने में निवेश करने या खरीदने जा रहे हैं, तब मन में एक सवाल चलता है, माल शुद्ध तो मिलेगा। ऐसे में आपको चांदी की पहचान की थोड़ी सी जानकारी अवश्य होनी चाहिए। अगर जानकारी नहीं है तो किसी जानकार व्यक्ति को साथ रखा जाना चाहिए, जिससे आप ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।
कैसे करे पहचान?
अगर आप चांदी खरीदने जा रहे हैं तो आपको चांदी की पहचान की थोड़ी बहुत जानकारी जरूर होनी चाहिए। अगर आपको चांदी की पूरी जानकारी नहीं है तो चिंता की कोई बात नहीं है। हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिससे आप चांदी की शुद्धता की पहचान स्वयँ कर सकते हैं, तो आइये जानते हैं, ऐसे कुछ टिप्स -
- अंक - चांदी की ईंट पर अंक लिखे हुए होते हैं, उनसे आप चांदी की पहचान कर सकते हैं। अगर चांदी की ईंट पर 999 लिखा हुआ है तो इसका अर्थ है कि ईंट 100% शुद्ध चांदी की है। ऐसे ही अगर 925 या अंग्रेज़ी का S लिखा हुआ है तो इसका अर्थ है स्टर्लिंग चांदी, जिसमें प्लेटिनम मिलाया हुआ है और चांदी 92.5% ही हैं।
- रंग - चांदी का रंग दूधिया सफेद होता है यह इसकी पहचान है।
- घिसना - अगर चांदी की ईंट देखकर आपको लगता है कि यह पेंट की हुई है तो उसे कॉर्नर से घिसे। अगर घिसने से उसके रंग में बदलाव नजर आए तो समझ लीजिए चांदी नहीं है।
- तेजाब परीक्षण - अगर आप चांदी की ईंट को थोड़ा सा खुरच कर उस पर तेजाब डाले। तेजाब डालने के बाद उसका रंग गाढ़ा लाल हो जाए तो समझो शुद्ध चांदी है, अगर गहरा लाल हो जाए तो स्टर्लिंग चांदी। लाल के अतिरिक्त कोई अन्य रंग दिखे तो समझ लीजिए यह चांदी नहीं है।
- बर्फ परीक्षण - चांदी की वस्तु पर बर्फ रखने पर समान्य से तेज गति से बर्फ पिघलने लगती है। अगर बर्फ समान्य गति से पिघल रहा है तो समझे कुछ खोट है। ऐसा उसमे उपस्थित विद्युत प्रवाह के गुण के कारण होता है।
- चुंबक परिक्षण - चांदी चुम्बक के प्रति आकर्षित नहीं होती है। अगर कोई वस्तु चुंबक की तरफ आकर्षित होती है तो समझे वह चांदी नहीं है।
- हॉलमार्क - आजकल चांदी के आभूषणों की पहचान के लिए हॉलमार्क का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसके नियमो में कितनी चांदी है उसका पूरा उल्लेख होता है। इसके साथ ही हॉलमार्क के आभूषण खरीदने पर पक्का बिल भी दिया जाता है, जिसमें चांदी का प्रतिशत लिखा हुआ होता है।
अब भी हमारी सलाह रहेगी कि अगर आप चांदी के आभूषण खरीदने जा रहे हैं तो जान पहचान के व्यक्ति (सुनार) से खरीदे। इसके साथ ही खरीद का पक्का बिल ले।
अन्य प्रश्न
प्रश्न - चांदी के पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर - रजत, रुपा, रूपक, रोप्य, रंगवीज, सौध, महाशुभ्र और चंद्रहास।
प्रश्न - चांदी काली क्यों पड़ जाती है?
उत्तर - चांदी के काला हो जाने से कई लोग समझते हैं कि चांदी नकली होने के कारण काली पड जाती है, जो सत्य नहीं है। चांदी के काला होने का कारण उसके खुली हवा में रहना होता है। चांदी के हवा के संपर्क में आने से उसकी सतह पर सिल्वर सल्फाइड बन जाता है, जिसके कारण चांदी काली हो जाती हैं। चांदी खुली हवा में, हवा में उपस्थित सल्फर योगिक (H₂S) से अभिक्रिया कर चांदी काली हो जाती है। यह ठीक उसी प्रकार है, जिस प्रकार लोहे में मे जंग लगता है, वैसे चांदी पर एक काली परत बन जाती है।
प्रश्न - चांदी के आभूषण काले पड़ जाए तो साफ कैसे किया जा सकता है?
उत्तर - हवा के सम्पर्क में आने से चांदी काली हो जाती है। इसे साफ करने के लिए साबुन, बेकिंग सोडा, नमक, टूथपेस्ट का प्रयोग करते हुए साफ कपड़े से धोए। चांदी को साफ करने के लिए एसिड का प्रयोग ना करे इससे चांदी गल जाती है। ऐसे ही चांदी को अधिक गर्म स्थान और प्लास्टिक की थैली मे नहीं रखा जाना चाहिए।
प्रश्न - एक किलो चांदी में कितने तौला होता है?
उत्तर - एक किलो चांदी में 85 तौला चांदी होती है।
प्रश्न - 999 और 925 चांदी में क्या अन्तर है?
उत्तर - 999 चांदी शुद्ध 100% चांदी होती है। वही 925 या S लिखा हुआ चांदी, स्टर्लिंग चांदी होती है। स्टर्लिंग चांदी में चांदी 92.5% ही होती है।
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