एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय। Eklavya Model School

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय। Eklavya Model School

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना वर्ष 1997-98 में भारत की केंद्र सरकार द्वारा की गई। भारत सरकार के अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्रालय की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई। 
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना देशभर में अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उदेश्य से की गई। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बल पर आदिवासी समुदाय के विद्यार्थी देश-विदेश के उच्च और व्यावसायिक शैक्षणिक पाठ्यक्रम वाले कोर्स में प्रवेश लेकर रोजगार प्राप्त कर सके। विद्यालयों मे पढाया जाने वाला पाठ्यक्रम और आयोजित की जाने वाली सह-शैक्षिक गतिविधियां अकादमिक शिक्षा से ऊपर उठकर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय क्या है? 


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, हाॅस्टल युक्त विद्यालय हैं। ये विद्यालय खासतौर से आदिवासी समुदाय के विद्यार्थियों के लिए हैं। एसटी वर्ग के विद्यार्थी कक्षा 6 (पांचवी उत्तीर्ण) में इनमे प्रवेश ले सकते हैं, जो 12 वी तक पढ़ाई कर सकते हैं। एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में अधिकतम 480 विद्यार्थी हो सकते हैं। विद्यालय के लिए राज्य सरकार द्वारा खेल मैदान भवन होस्टल और स्टाफ क्वार्टर के लिए जमीन उपलब्ध करायी जाती है। ऐसे में विद्यालय विद्यार्थी और स्टाफ सभी के लिए आवासीय होते हैं। इनका संबंध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से होता है। कक्षा 6 से 8 तक विद्यार्थियों को हिन्दी और अंग्रेजी) दोनों माध्यम) में शिक्षा देते हैं। कक्षा 9 के बाद सभी विद्यार्थियों को शिक्षा अंग्रेजी माध्यम में प्रदान करते हैं। 

 मॉडल स्कूल आधुनिक शिक्षा पद्धति से शिक्षा देते हैं। विभिन्न सह-पाठ्यक्रम द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को सुव्यवस्थित तरीके से संवारना। स्थानीय कला और सांस्कृतिक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देना। विद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, पाठ्य सामग्री (कॉपी, किताब पेन और अन्य सभी सामग्री), दैनिक उपयोग की सामग्री और गणवेश (यूनीफॉर्म) दी जाती है। सभी विद्यालय आधुनिक लैब (भौतिक, रसायन, गणित, भूगोल इत्यादि) से सुसज्जित है तथा सूचना विज्ञान को बढावा देते हैं। विद्यालयों में मे खेल और पुस्तकालय की सुविधा इसे अधिक आकर्षक बनाती है। नवोदय विद्यालय की भांति सीसीटीवी, कला और पेंटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। आवश्यक होने पर विद्यालय कक्षा 6 से 12 तक हिन्दी अंग्रेजी दोनों माध्यम में शिक्षा प्रदान करते हैं। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में प्रवेश कैसे ले? 


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय आदिवासी (जनजाति समुदाय) के विधर्मियों के बच्चों को प्रमुखता से प्रवेश देता है। प्रत्येक कक्षा में 60 विद्यार्थियों (30 लड़के और 30 लड़कियाँ) को प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 6 से 10 तक प्रत्येक 60 विद्यार्थियों की दो कक्षाएँ (30 विद्यार्थी) निर्धारित हैं। 11 और 12 में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय का एक-एक 30-30 छात्रों का सेक्शन होता है। ऐसे कुल अधिकतम 480 विद्यार्थी हो सकते हैं। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए नवोदय विद्यालय की भांति फरवरी महीने में फॉर्म जारी किए जाते हैं। वर्तमान समय में ऑनलाइन फॉर्म भी भरे जा सकते हैं। फॉर्म भरने के पश्चात मई (सम्भवत) महीने में लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है। लिखित परीक्षा के अनुसार प्रत्येक कक्षा में 60 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम इस प्रकार से होता है। 

परीक्षा विषय  प्रश्न संख्या  अंक 
मानसिक क्षमता विकास  50 50
अंकगणित  25 25
भाषा (हिन्दी, अंग्रेजी एवं क्षेत्रीय भाषा)  25 25
कुल  100 100

परीक्षा का आयोजन 2 घंटे के लिए होता है, दिव्यांग विद्यार्थियों को 30 मिनट अतिरिक्त दिए जाते हैं। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं और परीक्षा ओएमआर (OMR) सीट पर ली जाती है। कोई नकारात्मक अंक नहीं होते हैं किन्तु एक से अधिक गोले भरने पर उत्तर अमान्य कर दिया जाता है। गोले भरने के लिए नीले या काले रंग के बॉल पेन का उपयोग किया जा सकता है। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कहाँ खोले जाते हैं? - 


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय वर्ष 2018 से पहले तक वहाँ खोले जाते थे जहाँ 50% एसटी आबादी वाले प्रत्येक एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी/एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना में कम-से-कम एक EMRS स्थापित किया जाना है।लेकिन बजट 2018-19 के अनुसार, 50% से अधिक एसटी आबादी और कम-से-कम 20,000 आदिवासी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में वर्ष 2022 तक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होगा।

वर्ष 2018 के बजट में यह भी निश्चित किया गया कि पहली से संचालित विद्यालयों को 5 करोड़ प्रति विद्यालय विकास के लिए दिया जाएगा तथा 5 करोड़ खेल सुविधा विकास के लिए अलग से आवश्यकता के अनुसार। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का सफर - 


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शुरुआत जनजाति कल्याण मंत्रालय की सिफारिश पर वर्ष 1997-98 में हुई। देश का पहला विद्यालय 2003 में शुरू हुआ। विद्यालय शुरु करने के लिए राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति की स्थापना 1999 में की गई। लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा दिए गए जबाब के अनुसार वर्ष 2004 तक 194 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई। 2004-2014 के बीच 90 और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने की स्वीकृति दी, जिससे कुल विद्यालयों की संख्या बढ़कर 284 हो गई। वर्ष 2008 में नियम परिवर्तन किए जाने के बाद एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 30 नवंबर 2023 तक स्वीकृत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की संख्या 694 थी। 

वर्तमान समय में राज्य वार देखा जाए तो निम्न स्थिति है - 

राज्य  संचालित  असंचालित  कुल स्वीकृत 
आंध्रा प्रदेश  28 00 28
अरुणाचल प्रदेश  03 07 10
आसाम  01 13 14
बिहार  00 03 03
छत्तीसगढ़  73 01 74
दमन एवं दीव 01 00 01
गुजरात  34 09 43
हिमाचल प्रदेश  04 00 04
जम्मू कश्मीर  06 00 06
झारखंड  07 82 89
कर्नाटक  12 00 12
केरल  04 00 04
लद्दाख  00 03 03
मध्यप्रदेश  62 07 69
महाराष्ट्र  38 00 38
मणिपुर  03 18 21
मेघालय  00 27 27
मिजोरम  06 11 17
नागालैंड  03 19 22
ओडिशा  32 74 106
राजस्थान  31 01 32
सिक्किम  04 00 04
तमिलनाडु  08 00 08
तेलंगाना  23 00 23
त्रिपुरा  09 14 23
उत्तरप्रदेश  02 02 04
उत्तराखंड  04 00 04
पश्चिम बंगाल  07 01 08


शुरुआत में केंद्र द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने के साथ सुविधाओं मे विस्तार किया गया। दूसरी तरफ जमीन का आवंटन नहीं होने से अटके हुए विद्यालय इसके कारण रुके नहीं इसे ध्यान में रखते हुए 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता को घटाकर 15 एकड़ कर दिया गया। 

ध्यान दीजिये 2018 के बाद एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्वीकृति की मानो बाढ़ ही आ गई। किंतु इस समय के स्वीकृत विद्यालयों में अधिकांश का काम चल रहा है। राज्य सरकारों द्वारा भूमि का आवंटन समय से नहीं किए जाने के कारण अधिकांश विद्यालय निर्धारित समय सीमा के भीतर संचालित नहीं हो सके हैं। केंद्र सरकार और आदिवासी कल्याण मंत्रालय जब तक राज्य सरकारों के प्रति सख्त रूख नहीं अपनाएगा तब तक इनका समय से संचालन संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का नियंत्रण -


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के सफल संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था जनजाति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है। विद्यालय का प्रबंध संचालन राज्य सरकार के जनजाति कल्याण विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करती है। सामन्यतः समिति निम्नानुसार होती है। इसमे अध्यक्ष समेत 6 सदस्य होते हैं - 
क्र. सं सदस्य  पद 
1 प्रमुख सचिव, समाज कल्याण  अध्यक्ष 
2 निदेशक, जनजाति विकास विभाग  सचिव/कोषाध्यक्ष 
3 निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड  सदस्य 
4 निदेशक, बेसिक शिक्षा  सदस्य 
5 उपनिदेशक, जनजाति विकास विभाग  सदस्य 
6 लेखाधिकारी, जनजाति विकास विभाग  सदस्य 

केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषण किया जाता है, किंतु संचालन का जिम्मा राज्य सरकार पर होता है। राज्य सरकार द्वारा बनाई गई समिति विद्यालय के संचालन में अद्वितीय भूमिका अदा करती है। राज्य सरकार का जनजाति विभाग संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। विद्यालय का निरिक्षण और गुणवत्ता की जांच भी राज्य सरकार के अधीन होती है। विद्यालयों के संचालन से लेकर विकास कार्यो के लिए होने वाले खर्च की राशि और अनुदान को देना केंद्र की जिम्मेदारी है और कार्य पूरा कराना राज्य की जिम्मेदारी होती है। 

वर्ष 2018 से पहले तक पूर्व में स्वीकृत किए गए विद्यालयों के निर्माण और कार्य समाप्ति होने के पूर्व तक नए विद्यालय के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा सकती थी। वर्तमान में ऐसा नियम नहीं है। वर्तमान में जो क्षेत्र निर्धारित मापदंड को पूरा करते हैं उन क्षेत्रो में विद्यालय खोले जाने के लिए अनुदान राशि केंद्र द्वारा तत्काल जारी कर दी जाती है। 

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में शिक्षक भर्ती - 


एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम से संचालित विद्यालय है। राष्ट्रीय जनजाति (आदिवासी) छात्र शिक्षा समिति (National Education Society for Tribal Students) द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। यह एक स्वायत संस्था है जो आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा गठित की गई है। आरक्षण और अन्य नियम नवोदय भर्ती के समान ही रहते हैं। वेतन और भत्तों का निर्धारण समिति द्वारा केंद्र के कर्मचारियों की भांति ही किया जाता है। 

समिति द्वारा आवेदन मांगे जाने के बाद योग्यता प्राप्त अभ्यर्थियों द्वारा समिति की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जाना होता है। आरक्षण और अन्य छूट प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रमाणपत्र दिए जाने होते हैं। आवेदन के उपरांत समिति लिखित परीक्षा का आयोजन करती है। परीक्षा में बैठने के लिए योग्य उम्मीदवारों के लिए समिति वेबसाइट पर प्रवेश-पत्र ऑनलाइन जारी करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आरक्षण और श्रेणी को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। 

लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम और भर्ती सम्बन्धित जानकारी राष्ट्रीय जनजाति छात्र शिक्षा समिति की वेबसाइट पर दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर जा सकते हैं। लेकिन ध्यान दीजिये शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के लिए योग्यता नवोदय के समान ही है, और पाठ्यक्रम भी वही होता है। 

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में कौनसा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है? 

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण पारिषद (NCERT) का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। 

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का सम्बन्ध किस बोर्ड से है? 

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का संबंध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से है। 

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में एक कक्षा में कितने छात्र होते हैं? 

उत्तर - एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय में एक कक्षा में अधिकतम 60 छात्र होते हैं। एक कक्षा के दो सेक्शन होते हैं। प्रत्येक सेक्शन में 30-30 छात्र होते हैं। इसमे से आधी यानी 30 छात्राओं का होना अनिवार्य है। 

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षक भर्ती कौन कराता है? 

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शिक्षक भर्ती राष्ट्रीय जनजाति छात्र शिक्षा समिति द्वारा करायी जाती है। 

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए क्या परीक्षा देनी होती है?

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए फरवरी महीने में बच्चों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं मई महीने में लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है, विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए।

प्रश्न - भारत में कितने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय है? 

उत्तर - 30 नवंबर, 2023 तक भारत में स्वीकृत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की संख्या 694 थी।

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शुरुआत कब हुई?

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की शुरुआत केंद्र सरकार के जनजाति मंत्रालय की अनुशंसा पर वर्ष 1997-98 में संविधान के अनुच्छेद 275(1)से की गई।

प्रश्न - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में कौन प्रवेश ले सकता है?

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है।

प्रश्न - क्या समान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में शिक्षक बन सकते हैं? 

उत्तर - एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय केवल जनजाति समाज के छात्र-छात्राओं को प्रवेश देता है, किंतु नवोदय की भांति शिक्षक किसी भी वर्ग का बन सकता है। शिक्षक भर्ती के लिए आरक्षण की व्यवस्था केंद्र सरकार के नियमो के अनुसार की गई है।

प्रश्न - राजस्थान में कितने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय है?

उत्तर - राजस्थान में 31 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित है और एक निर्माणाधीन है।

प्रश्न - भारत में सर्वाधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय किस राज्य में है?

उत्तर - भारत में सर्वाधिक स्वीकृत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय ओडिशा (106) है, जबकि सर्वाधिक संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय वाला राज्य छत्तीसगढ़ है, जहां कुल स्वीकृत 74 में से 73 संचालित है। 

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