बकरी पालन : लाभदायक व्यवसाय कम बजट में शुरु करे। Bakari Palan

बकरी पालन : लाभदायक व्यवसाय कम बजट में शुरु करे। Bakari Palan

आधुनिक युग में पैसे कमाना कौन नहीं चाहता है? सभी की एक ही तमन्ना होती है, उनके पास इतने पैसे हो जिससे वो दुनिया के उन सभी सुख को भोग सके जिसकी उन्हें तमन्ना है। पैसा कमाने के लिए ही लोग घर से कोसों दूर कड़ी मेहनत करने जाते हैं और महीनों बाद घर लौट कर आते है। 

बकरी पालन : लाभदायक व्यवसाय कम बजट में शुरु करे। Bakari Palan

हम आपको बताने जा रहे एक ऐसा काम जिसमें आपको ना तो घर से कोसों दूर जाना हैं और ना ही घर आने के लिए महीनों का इंतजार करना है। आप 12 महीने घर पर रहते हुए भी यह कार्य करके लाखो कमा सकते हैं। आप इस कार्य को अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से किसी दूसरे काम के साथ भी कर सकते हैं। और यह काम है बकरी पालन। 

बकरी पालन इन हिंदी (Bakari Palan in Hindi) - 


बकरी पालन एक व्यावसाय है, जिसमें बकरी को पालने का कार्य किया जाता है। अगर शाब्दिक अर्थ से बात की कि जाए तो बकरी को पालने की क्रिया बकरी पालन है, जिसमे बकरी को खिलाना - पिलाना, प्रजनन, ध्यान रखना और बकरियों के स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी प्रकार की समस्याओ के निवारण की प्रक्रिया सम्मिलित हैं। आसान शब्दों में बात की जाए तो बकरी पालन का अर्थ एक बकरी से वर्ष में दो या दो से अधिक बकरी बनाने से है। इसके लिए जो बकरी कृषक अथवा पालक के पास है, उसे आवश्यक खान-पान प्रदान करते हुए प्रजनन से बच्चे पैदा करा संख्या को बढावा देने से है। 

बकरी पालन को अँग्रेजी भाषा में 'Goat Farming' कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है बकरी की खेती। सही शब्दों में देखे तो खेती एक बीज से कई बीज पैदा करने की प्रक्रिया है, ठीक उसी प्रकार बकरी पालन भी एक बकरी से कई बकरी बनाने या पैदा करने की क्रिया है। इसके लिए कृषक या पालक बकरी को उचित खान-पान प्रदान कर उसके स्वास्थ्य को बनाये रखने का प्रयास करते हुए, उसे प्रजनन के योग्य बनाते हैं। बकरी के ऋतु (नर से मिलन को तत्पर) में आने पर मिलन करा प्रजनन की क्रिया से अन्य बकरी तैयार की जाती है। अगर पालक समय से बकरी के प्रजनन के लिए कदम ना उठाए तो बकरी पालन का कोई अर्थ नहीं रह जाता है और ऐसी क्रिया सम्पूर्ण तरीके से बकरी पालन नहीं कहलाती है। 

बकरी गाय और भैंस के मुकाबले में छोटा जानवर होने के कारण इसका पालन गाय गाय, भैंस के मुकाबले में आसान और कम खर्चीला है। साथ ही बकरी पालन की शुरुआत करने के लिए भी कम प्रारम्भिक पूंजी की आवश्यकता होती है। बकरी का प्रजनन काल भी छोटा होता है और सामन्यतः दो बच्चे देती है, जिससे इनकी संख्या में वृद्धि किए जाने की प्रक्रिया भी कम समय में पूरी हो जाती है। 

बकरी पालन के लिए आवश्यक संसाधन - 


बकरी पालन एक प्रक्रिया है, जिसके लिए आवश्यक संसाधनों का होना अति आवश्यक होता है। संसाधनो के अभाव में बकरी पालन सम्भव नहीं है। ऐसे में बकरी पालक के पास कुछ संसाधनो का होना आवश्यक है, जो निम्न है - 

बाड़ा - 


बकरियों को रखने के लिए एक बाड़े की आवश्यकता होती है। बाड़े के अभाव में बकरियों का ध्यान रखा जाना सम्भव नहीं होता है। रात के समय बकरियां खो भी सकती हैं और उन पर कुत्ते हमला भी कर सकते हैं। ऐसी समस्याओं से बचाव के लिए बाड़ा का होना आवश्यक हैं। बाड़े में बकरियों को सुरक्षित बांधा जा सकता है। ऐसे में अगर आप बकरी पालन की सोच रहे हैं तो आपके पास बाड़ा बनाने के लिए उपयुक्त जगह का होना आवश्यक हैं, ऐसे में बकरी पालन के बारे में सोच रहे हैं तो पहले बाड़े की जगह सुनिश्चित कर लीजिए। बाड़ा ऐसा हो जो बकरियों को सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने में सहायक हो। इसके लिए बाड़े के ऊपरी शेड को पक्का बनाया जा सकता है, किंतु चारदीवारी तारबन्दी या कांटों की होनी चाहिए, जिसे सर्दी में सर्दी रोकने के लिए मोटी और गर्मी में हवा के लिए खुला किया जा सके। 

चारा और पानी - 


बकरी एक जिवित प्राणी है, उसे जिन्दा रहने के लिए चारा और पानी की आवश्यकता होती है। जैसे मनुष्य भोजन और जल के अभाव में जिवित नहीं रह सकता है, ठीक उसी प्रकार बकरी भी चारा (भोजन) और पानी के अभाव में जिवित नहीं रह सकती है। अगर आप बकरी पालन के लिए सोच रहे हैं तो पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास चारा और पानी की व्यवस्था है। बकरी सूखा और हरा दोनों प्रकार का चारा खा सकती है। बकरी का पाचनतंत्र अन्य  दुधारू पशुओं के मुकाबले अधिक मज़बूत होता है, ऐसे में बकरी को खुला छोड़ दिया जाए तो वह चर भी सकती हैं। ऐसे में आपको सुनिश्चित करना होगा बकरी खुला चरने के लिए खोली जाएगी तो जगह है और खाने लायक वानस्पतिक झाड़ियां भी। खुले में चरने के लिए जगह नहीं है तो चारे की व्यवस्था की जाए। ऐसे ही बकरी को दिन में दो समय सुबह-शाम पानी पिलाने की व्यवस्था भी होनी चाहिए। 

नर - 


बकरी पालन महज बकरी को पोषण देने की क्रिया मात्र नहीं है। बकरी पालन में प्रजनन का होना इतना ही आवश्यक है, जितना बकरियों को पोषण देना। प्रजनन से बकरियों की संख्या बढ़ाने का कार्य बकरियों (मादा) द्वारा किया जाता है। लेकिन मादा द्वारा प्रजनन कि क्रिया को संपन्न करने के लिए के मिलन की आवश्यकता होती है। नर से मिलन के अभाव में मादा प्रजनन को अंजाम नहीं दे सकती है, ऐसे में आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास नर भी है। सरकार द्वारा भी बकरी पालन के लिए दिए जाने वाले अनुदान मे भी 10 बकरी के अनुपात में एक नर का होना आवश्यक शर्त है। 

इसके अतिरिक्त भी आपको कुछ संसाधनो की आवश्यकता हो सकती है, जो निरंतर नहीं है। लेकिन उपर्युक्त सभी के अतिरिक्त दवा, दूध निकालने की व्यवस्था आदि का होना आवश्यक है। हालांकि संसाधनो के अतिरिक्त आपके पास बकरी पालन के लिए कुछ कौशल भी आवश्यक है इसलिए आप इन्हें भी समझे। 

बकरी पालन के लिए आवश्यक कौशल - 


बकरी पालन अधिक जोखिम भरा कार्य नहीं किया। बकरी पालन परंपरागत रुप से होने वाला कार्य हैं। सभी लोगों के पास जो सदियों से बकरी पालन दे जुड़े हुए हैं, उनके पद कुछ कौशल है लेकिन ऐसे सभी कौशल नहीं है जिससे बकरी पालन लाभदायक हो सके। बकरी पालन को एक लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए निम्न कौशल का होना आवश्यक हैं। 

  • नस्ल की जानकारी - बकरी पालन की शुरुआत करने जा रहे हैं तो बकरी की नस्ल की आपको जानकारी हो तो यह सोने में सुहागा है। क्योंकि नस्ल से ही आप उसके खानपान और वातावरण अनुकूलन के साथ स्वास्थ्य के बारे में बेहतर समझ सकते हैं। अगर इतनी जानकारी नहीं है तो बकरी पालन के लिए स्थानीय नस्ल का चुनाव एक बेहतर विकल्प है। 
  • प्रजनन प्रबंधन - बकरी पालन के लिए पालक के पास प्रजनन का कौशल होना चाहिए, ताकि बकरी का समय पर मिलन करा सके और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके। इस तरह की जानकारी या कौशल होने से बकरी पालन व्यवसाय अधिक लाभदायी सिद्ध हो सकता है। 
  • दूध निकालने की व्यवस्था - बकरी पालक के पास बकरी का दूध निकालने का कौशल होना जरूरी है। बकरी एक दुधारू जानवर है, ऐसे में अगर दूध नहीं निकाला जाता है तो बकरी पालन घाटे का सौदा है। बकरी पालक बकरी के दूध का उपयोग परिवार के साथ बाजार में बेचने के लिए भी कर सकते हैं। एक सफल बकरी पालक वही होता है, जिसे बकरी का दूध निकालने का कौशल पता हो और साथ ही यह भी पता हो की बच्चों को कब और कितना दूध पिलाना हैं। 
  • स्वास्थ्य परीक्षण - बकरी पालक को थोड़ी बहुत बकरी के स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हो तो बकरियों के पालन के खर्च को कम किया जा सकता है। बकरी का थोड़ा बहुत स्वास्थ्य खराब होने पर उसकी पहचान करके त्वरित घरेलू उपचार किया जा सकता है। साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धित थोड़ी जानकारी होने से त्वरित बकरी को किसी बीमारी के समय भी अस्पताल पहुंचा उसे मरने से बचाया जा सकता है। इसके लिए समय पर बाड़े की साफ सफाई भी आवश्यक हैं। 
  • विक्रय प्रबंधन - कब किस बकरी या बकरी के बच्चे को बेचना हैं? कितने में बेचना है? यह जानकारी अगर बकरी पालक को हो तो वो धोखा नहीं खा सकता और ना ही गलत बकरी को बेच सकता है। ऐसे में उसे बकरी के बाजार मूल्य का थोड़ा अनुभव होना आवश्यक हैं। 

इनके अतिरिक्त बकरी पालक को चारा पानी सम्बन्धित थोड़ी जानकारी होनी चाहिए, किस मौसम में कैसा चारा दे और खासतौर से ब्याहने वाली बकरी को क्या खिलाए? आजकल यह सब जानकारी देने के लिए सरकार समय-समय पर प्रशिक्षण देती है। बकरी पालक को ऐसे प्रशिक्षण में सम्मिलित हो सभी प्रकार की जानकारी को प्राप्त करना चाहिए। 

बकरी पालन कैसे होता है?


कई सारे लोग अक्सर पूछते हैं कि बकरी पालन कैसे होता है? उन्हें बता देते हैं कि बकरी पालन एक प्रक्रिया है। यह कदम दर कदम सतत चलती रहती है। बकरी पालन के लिए निम्न चरण से गुजरना होता है,- 
  • बकरी खरीदना - पहले बाजार से एक बकरी खरीद लीजिए। 
  • बकरी का पोषण - खरीदी गई बकरी को खिलाएं पिलाएं। 
  • बकरी का ध्यान रखना - अपनी बकरी का ध्यान रखे, कहीं खो ना जाए या कुत्ते हमला ना करे, इसका ख्याल रखे। 
  • साफ-सफाई और स्वास्थ्य - बकरी को जहां बाँधा जाता है, उस जगह की नियमित साफ-सफाई करे और बकरी के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएं ह
  • प्रजनन के लिए मिलन कराना - ऋतु में होने पर नर के पास ले जाए समय से (ऋतु में आने के 9 घंटे बाद) मिलन कराए। 
  • सुरक्षित प्रसव कराना - जब बकरी के प्रसव का समय हो तब उसका ध्यान रखे। पानी की थैली फूट जाने के बाद उसका सुरक्षित प्रसव करे अथवा जानकार से कराए व
  • बच्चों और बकरी का पोषण - प्रसव के बाद जो बच्चे हुए हैं उन्हें तुरंत दूध पिलाए और उनका पोषण करे। 
  • बच्चों का विक्रय या रखना - इस बात का निर्णय करे, जब बच्चे 5 महीने के हो जाए उसके बाद उन्हें रखना है या विक्रय कर देना चाहिए। 
  • रखे जाने पर पोषण और मादा का मिलन - अगर 5 महीने के बाद भी रखे जाने का निर्णय किया है है तो उनका नियमित पोषण कार्य करे और मादा का नर से मिलन कराए। 
यह नियमित चलने वाला कार्य है। साफ सफाई स्वास्थ्य परीक्षण रोजाना किए जाने वाले कार्य है। गर्मी के मौसम में बाल काटना और कीट हटाने का कार्य करना भी आवश्यक है। बकरी के गर्भावस्था में उसका विशेष ख्याल रखना और उच्च कोटि का पोषण देना भी बकरी पालन की श्रेणी में आता है। 

बकरी पालन : खर्च अथवा लागत 


अक्सर पूछा जाता है कि बकरी पालन में कितनी लागत आती है, ऐसे में आपको बकरी पालन की लागत के सम्बंध में बता देते हैं। 
बकरी खुली चरती है तो खानपान की मासिक लागत 100 रुपये प्रति महीना आती है, बाँध कर चराने पर ₹ 800/- महीना तक प्रति बकरी हो जाती है। कोई बीमारी की दशा में अतिरिक्त लागत आ सकती है। ऐसे ही प्रसव में कोई गड़बड़ी होती है तो लागत बढ़ सकती है। 

यूँ आप कह सकते हैं कि खुले में चरने वाली बकरी की प्रतिमाह अधिकतम लागत (दूध बढ़ाने के कारण) 100 रुपये और बाँधकर चराने पर प्रति बकरी प्रतिमाह अधिकतम लागत ₹ 800/- महीना हो सकती है। 

बकरी पालन को लाभदायक कैसे बनाया जा सकता है? 


बकरी पालन को लाभदायक बनाने के लिए निम्न कार्य किए जाने चाहिए, जिससे अपेक्षित आय से अधिक आय हो सकती है। 
  • बकरी का नियमित दूध निकाले और उसका उपयोग घर के लिए करे या बेच दीजिए। बाजार में बकरी के दूध की अच्छी मांग होने से ₹ 50/- लीटर बिकता है। अच्छा पोषण देने पर बकरी सुबह-शाम एक-एक लीटर ₹ 100/- का रोजाना दूध दे सकती है। 
  • मल को इकट्ठा कर विक्रय कर देना चाहिए। बकरी का मल अच्छी जैविक खाद होती है। इसका विक्रय करने पर अच्छा मूल्य मिल सकता है। प्रति बकरी न्यूनतम ₹ 1000/- तक की खाद प्रति वर्ष हो सकती है। 
  • बकरी को अच्छा खानपान दे जिससे वर्ष में दो बार ब्याह सके। बकरी औसत 2 बच्चे देती है, अगर पोषण अच्छा दिया जा रहा है हैं तो। ऐसे में पांच महीने के बकरी के बच्चे को ₹ 7000-12000 (पोषण और नस्ल पर आधारित) बेचा जा सकता है। 
  • बाल काटे और बेचे - बकरी के बाल काटकर बाजार में बेचे जा सकते हैं, इसलिए साल में एक बार बाल जरूर काटे। 
खाल और हड्डियों को बेचे - कोई बकरी मर जाये तो उसकी खाल निकाल कर या निकलवा कर बेची जा सकती है, हालांकि यह कार्य सभी के लिए सम्भव नहीं है। 

उपर्युक्त सभी कदम उठाकर बकरी पालन को अधिक लाभदायक बनाया जा सकता है। 


आवश्यक प्रश्न -


प्रश्न - बकरी पालन को अँग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर - बकरी पालन को अँग्रेजी में 'Goat Farming' कहा जाता है। 

प्रश्न - Goat Farming को हिन्दी में क्या कहते हैं? 

उत्तर - Goat farming को हिन्दी में बकरी पालन कहा जाता है। 

प्रश्न - बकरी पालन कौन कर सकता है? 

उत्तर - बकरी पालन कोई भी कर सकता है। 

प्रश्न - क्या बकरी पालन के लिए बकरी खरीदने के लिए ऋण मिल सकता है? 

उत्तर - हाँ, सरकार बकरी पालन के लिए ऋण और अनुदान दोनों देती है। अधिक जानकारी के लिए इसे एक बार पूरा पढ़े।

प्रश्न - बकरी पालन के लिए क्या सरकार प्रशिक्षण देती है? 

उत्तर - हाँ, बकरी पालन के लिए सरकार नियमित प्रशिक्षण देती है, इसके लिए आप सरकारी पोर्टल पर संपर्क कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

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