अब सऊदी अरब में भी मिलेगी शराब। wine sales in Saudi Arab

अब सऊदी अरब में भी मिलेगी शराब। wine sales in Saudi Arab

सऊदी अरब, जहां शराब पर 70 से अधिक वर्षों से प्रतिबंध था, अब सीमित रूप से शराब की बिक्री शुरू करेगा। यह सुविधा सिर्फ चुनिंदा पर्यटक क्षेत्रों, लक्ज़री होटलों और विदेशी समुदायों के लिए होगी। यह बदलाव "विजन 2030" के तहत देश को आधुनिक और पर्यटन अनुकूल बनाने की दिशा में है।
अब सऊदी अरब में भी मिलेगी शराब

जी हां, सऊदी अरब में शराब पर 73 वर्षों से लागू प्रतिबंध में आंशिक ढील दी गई है। 2026 से, सऊदी अरब के कुछ चुनिंदा पर्यटक क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति दी जाएगी। यह कदम सऊदी अरब की "विजन 2030" पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना और वैश्विक आयोजनों जैसे 2030 एक्सपो और 2034 फीफा विश्व कप की मेज़बानी की तैयारी करना है। 

सऊदी अरब में शराब नीति के मुख्य बिंदु - 


सऊदी अरब की सरकार ने बाकायदा शराब नीति बनाई है। शराब की नीति के अनुसार ही शराब की बिक्री होगी। शराब विक्रेताओं को भी इसका पालन करना होगा। 
  • स्थान: शराब की बिक्री केवल उच्च श्रेणी के होटलों, लक्ज़री रिसॉर्ट्स और विदेशी कर्मचारियों के लिए निर्धारित आवासीय क्षेत्रों में ही होगी। 
  • प्रकार: वाइन, बीयर और साइडर जैसी शराबों की बिक्री की अनुमति होगी, लेकिन मजबूत शराब (स्पिरिट्स) की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। 
  • नियम: शराब की बिक्री और सेवन पर सख्त नियम लागू होंगे, जो इस्लामी मूल्यों के अनुरूप होंगे। 
  • सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध: सार्वजनिक स्थानों, घरों और प्रशंसक क्षेत्रों में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। 
यह नीति परिवर्तन सऊदी अरब के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक बदलाव है, जो इसे अधिक अंतरराष्ट्रीय और आधुनिक बनाने की दिशा में एक कदम है, जबकि इसके धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान भी किया गया है। 

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सऊदी अरब में शराब की बिक्री अभी भी बहुत सीमित और नियंत्रित है, और अधिकांश जनता के लिए यह उपलब्ध नहीं होगी। 

सऊदी अरब में शराब बिक्री शुरु किये जाने के कारण - 


सऊदी अरब में शराब पर 73 वर्षों से लागू प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जो देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रणनीतियों से जुड़े हुए हैं। 

  1. विजन 2030 के तहत पर्यटन और वैश्विक छवि में सुधार - क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में, सऊदी अरब ने "विजन 2030" योजना के तहत अपने आर्थिक और सामाजिक ढांचे में बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इस योजना का उद्देश्य तेल पर निर्भरता कम करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करना है। इस संदर्भ में, 2026 से चुनिंदा पर्यटक क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है, ताकि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और देश की वैश्विक छवि को सुधारने में मदद मिल सके।  
  2. 2034 फीफा विश्व कप की मेज़बानी की तैयारी - सऊदी अरब ने 2034 फीफा विश्व कप की मेज़बानी का अधिकार प्राप्त किया है। इस बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेज़बानी के लिए, देश को वैश्विक मानकों के अनुसार सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करनी होंगी। इसलिए, कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मेहमानों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके। 
  3. अवैध शराब व्यापार पर नियंत्रण - पिछले कई वर्षों से, सऊदी अरब में अवैध शराब व्यापार सक्रिय था, जिससे सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो रही थीं। नियमित शराब बिक्री की अनुमति देने से इस अवैध व्यापार पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी।  
  4. सामाजिक सुधार और सांस्कृतिक संतुलन - सऊदी अरब में सामाजिक सुधारों की प्रक्रिया जारी है, जिसमें महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति, मिश्रित-लिंग संगीत कार्यक्रमों की मेज़बानी और सिनेमाघरों की स्थापना शामिल हैं। हालांकि शराब पर प्रतिबंध इस्लामिक कानूनों के तहत जारी रहेगा, फिर भी कुछ क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति देने से सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।  
सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध में आंशिक ढील देने का निर्णय देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रणनीतियों का हिस्सा है। यह कदम वैश्विक मानकों के अनुरूप सुधार, पर्यटन को बढ़ावा देने, अवैध व्यापार पर नियंत्रण और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सऊदी अरब में शराब बिक्री का उदेश्य पर्यटन को बढावा भी - 


सऊदी अरब में 70 से अधिक वर्षों के शराब प्रतिबंध में हाल ही में दी गई ढील, देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बदलाव "विजन 2030" के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था का विविधीकरण और वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करना है। 

शराब बिक्री और पर्यटन के बीच संबंध:


  1. पर्यटकों की अपेक्षाएँ पूरी करना - अंतरराष्ट्रीय पर्यटक, विशेषकर पश्चिमी देशों से आने वाले, अक्सर ऐसी सुविधाओं की अपेक्षा करते हैं जो उनके अपने देशों में सामान्य होती हैं – जिनमें शराब का सीमित उपभोग भी शामिल है। शराब की नियंत्रित उपलब्धता से सऊदी अरब वैश्विक पर्यटन बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रह सकता है।
  2. लक्ज़री टूरिज़्म को बढ़ावा - अब शराब केवल विशेष क्षेत्रों जैसे लक्ज़री रिसॉर्ट्स, 5-स्टार होटलों और विदेशी समुदायों के लिए नियत स्थानों में ही मिलेगी। यह विशेष रूप से अमीर पर्यटकों को आकर्षित करने की रणनीति है, जो लग्ज़री अनुभव की तलाश में होते हैं।
  3. विशेष आयोजनों के लिए तैयारी - 2030 में होने वाला वर्ल्ड एक्सपो और 2034 में FIFA वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजन सऊदी अरब में पर्यटन को वैश्विक स्तर पर पहुंचा सकते हैं। इन आयोजनों के दौरान आने वाले लाखों अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शराब बिक्री की अनुमति दी जा रही है।

सख्त नियंत्रण के तहत शराब की अनुमति:


  • शराब सिर्फ गैर-मुस्लिम पर्यटकों और निवासियों के लिए ही उपलब्ध होगी।
  • लाइसेंस प्राप्त आउटलेट्स में ही शराब बेची जाएगी।
  • सार्वजनिक रूप से शराब पीना या इसका दुरुपयोग अब भी कानूनन अपराध रहेगा।

संभावित फायदे:


  • राजस्व में वृद्धि: पर्यटन से होने वाली आय में वृद्धि के साथ शराब बिक्री से सीमित लेकिन सुनिश्चित राजस्व प्राप्त होगा।
  • रोज़गार के अवसर: टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में रोजगार बढ़ेगा।
  • वैश्विक छवि में सुधार: उदारवादी छवि बनाने में मदद मिलेगी जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

चुनौतियाँ:


  • इस्लामिक समाज में शराब को लेकर संवेदनशीलता बनी रहेगी।
  • सामाजिक विरोध या धार्मिक समूहों की आपत्ति की संभावना।
  • शराब से जुड़ी सामाजिक समस्याओं को रोकने के लिए कड़े नियमों की आवश्यकता।

सऊदी अरब में शराब की सीमित बिक्री पर्यटन क्षेत्र के विकास का एक रणनीतिक कदम है। यह निर्णय पारंपरिक धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ संतुलन रखते हुए, वैश्विक स्तर पर देश को एक आधुनिक और पर्यटक-अनुकूल गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश है। हालांकि यह बदलाव सीमित है, लेकिन यह सऊदी अरब की सामाजिक और आर्थिक नीतियों में एक ऐतिहासिक मोड़ को दर्शाता है।

राजस्व कमी और उपचार के कदम - 


सऊदी अरब की सरकार पारंपरिक रूप से अपने राजस्व का अधिकांश हिस्सा तेल और गैस उद्योग से प्राप्त करती रही है। हालांकि हाल के वर्षों में सरकार को अपने कुल राजस्व में कमी का सामना करना पड़ा है, जिसके कई आर्थिक, वैश्विक और रणनीतिक कारण हैं। इस स्थिति ने सरकार को वैकल्पिक राजस्व स्रोतों जैसे पर्यटन, विदेशी निवेश और सेवा क्षेत्र की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।

सऊदी अरब के राजस्व में कमी के प्रमुख कारण:


  1. तेल की कीमतों में गिरावट - सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था लंबे समय तक कच्चे तेल पर निर्भर रही है। वैश्विक बाजार में जब तेल की कीमतों में गिरावट आती है (जैसे 2014 और फिर 2020 में कोविड-19 के दौरान), तो देश के राजस्व पर सीधा असर पड़ता है। OPEC+ समझौते के तहत उत्पादन कटौती ने भी आय को सीमित किया।
  2. कोविड-19 महामारी का असर - महामारी के दौरान वैश्विक यात्रा प्रतिबंधों, व्यापार मंदी और घरेलू लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था ठप हो गई। इस अवधि में पर्यटन और हज/उमराह से होने वाली आय में भारी गिरावट आई।
  3. सरकारी सब्सिडी और खर्च में वृद्धि - सऊदी सरकार ने दशकों से ईंधन, बिजली, पानी और सामाजिक सेवाओं पर भारी सब्सिडी दी है। सामाजिक सुधारों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (जैसे NEOM सिटी) पर भारी खर्च हुआ है।
  4. वैश्विक ऊर्जा संक्रमण - विश्व धीरे-धीरे नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है, जिससे दीर्घकालिक रूप से तेल की मांग घटने की संभावना है।
इससे सऊदी अरब को अपने भविष्य के राजस्व मॉडल पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पड़ी।

सरकार की प्रतिक्रिया और समाधान


  1. विजन 2030 पहल - इस योजना के अंतर्गत अर्थव्यवस्था को विविधता देना (Diversification) प्राथमिक उद्देश्य है। पर्यटन, मनोरंजन, वाणिज्य, और नवाचार को बढ़ावा देकर गैर-तेल क्षेत्र से राजस्व बढ़ाया जा रहा है।
  2. टैक्स प्रणाली का विकास - 2018 में सऊदी अरब ने वैट (Value Added Tax) लागू किया। धीरे-धीरे इसे 5% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया, जिससे घरेलू राजस्व में वृद्धि हुई।
  3. सार्वजनिक निवेश कोष (PIF) का उपयोग - सरकार ने PIF के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय निवेश और राष्ट्रीय परियोजनाओं में भारी निवेश शुरू किया है, जिससे दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद है।
सऊदी अरब को अपने राजस्व में आई कमी से निपटने के लिए पारंपरिक तेल आधारित अर्थव्यवस्था से हटकर विविध स्रोतों की ओर रुख करना पड़ा है। पर्यटन, शराब बिक्री की सीमित अनुमति, विदेशी निवेश और कर सुधार जैसे कदम इस रणनीति का हिस्सा हैं। ये प्रयास देश को एक स्थायी, विविध और आधुनिक अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

अन्य प्रश्न - 


प्रश्न : सऊदी अरब में शराब पर पहले क्यों प्रतिबंध था?

उत्तर: - इस्लामिक कानून (शरिया) के तहत शराब का सेवन हराम (निषिद्ध) माना जाता है। सऊदी अरब एक इस्लामी राष्ट्र है और 1952 से वहां शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध था।

प्रश्न : अब सऊदी अरब में कहाँ शराब मिलेगी?

उत्तर: - शराब केवल कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे अंतरराष्ट्रीय होटल, लक्ज़री रिसॉर्ट, और विदेशी समुदायों के लिए बनाए गए विशेष स्थानों पर ही मिलेगी। यह आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं होगी।

प्रश्न : शराब की बिक्री की अनुमति किसे दी जाएगी?

उत्तर: - यह सुविधा केवल गैर-मुस्लिम विदेशी पर्यटकों और राजनयिकों तक सीमित रहेगी। सऊदी नागरिकों और मुस्लिमों को अब भी शराब का सेवन करने की अनुमति नहीं होगी।

प्रश्न : क्या सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना अब कानूनी होगा?

उत्तर: - नहीं। सार्वजनिक स्थानों, गलियों, प्रशंसक क्षेत्रों (fan zones) या सार्वजनिक आयोजनों में शराब पीना अब भी गैरकानूनी रहेगा। नियम उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

प्रश्न : सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया?

उत्तर: - इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की तैयारी (जैसे FIFA वर्ल्ड कप 2034) और अवैध शराब व्यापार पर नियंत्रण पाना है। साथ ही यह “विजन 2030” योजना का हिस्सा है।

प्रश्न : क्या इससे धार्मिक विरोध की संभावना है?

उत्तर: - हाँ, शराब की अनुमति से देश के रूढ़िवादी धार्मिक वर्गों में असंतोष हो सकता है। इसलिए सरकार ने इस नीति को सीमित और नियंत्रित ढंग से लागू किया है ताकि संतुलन बना रहे।

प्रश्न : क्या शराब की बिक्री से सऊदी अरब देश की सरकार को आर्थिक लाभ होगा?

उत्तर: - हाँ, इससे पर्यटन से जुड़ा राजस्व बढ़ेगा, और अवैध शराब बाजार को नियंत्रित कर सरकारी नियंत्रण और कर प्रणाली को मज़बूती मिलेगी।

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