प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों के कर्मचारियों की समस्याएँ : PACS

प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों के कर्मचारियों की समस्याएँ : PACS

प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (Primary Agricultural Credit Societies - PACS) कृषकों के लिए ऐसी समितियां है जो उन्हें सस्ती दरों पर ब्याज, उन्नत गुणवत्ता के बीज और खाद के साथ दवा उपलब्ध कराती है। इनका प्रमुख उदेश्य कृषक गतिविधियों को बढावा देना है, जिससे कृषि उपज के साथ ही कृषकों की आय को बढावा दिया जा सकता है। 
प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों के कर्मचारियों की समस्याएँ : PACS

PACS सहकारी बैंक और सहकारी ऋण कि एक प्रमुख कड़ी है। इस प्रकार की समितियां सामान्य रूप से ग्रामीण इलाकों में होती है। इस प्रकार की समितियो के अंशदाता अधिकतर गैर संगठित किसान, कारीगर, छोटे दुकानदार और अन्य कमजोर तबके के साथ अल्प आय वर्ग के लोग होते हैं। 

PACS के कर्मचारी - 


PACS के कर्मचारी प्रत्येक गांव में बिखरे हुए हैं। इन्हीं कर के माध्यम से समितियां अपने कार्यो को अंजाम देती है। ऋण वितरण से लेकर इसकी उगाई तक का कार्य इन्हीं कर्मठ कर्मचारियों के माध्यम से किया जाता है। 

राजस्थान प्रदेश में भी सहकारी समितियां अपने ग्रामीण इलाक़ों में नियुक्त किए हुए इन्हीं कर्माचारियों के माध्यम से अपने कार्यो को अंजाम देती है। वर्तमान समय में राजस्थान प्रदेश में एक से अधिक पंचायत पर एक सोसायटी का गठन किया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में प्रत्येक पंचायत पर एक सोसायटी का गठन कर कृषकों को मजबूती प्रदान करने के लिए PACS ने अपने कर्मचारियों का विस्तार करने की योजना जाहिर की है। 

PACS अपने कार्यो को सही तरीके से अंजाम देने के लिए एक सचिव एक या आवश्यकता के अनुसार एक से अधिक सहायक होता है। कभी-कभी समितियों में अध्यक्ष और मैनेजर के माध्यम से सोसाइटी का संचालन किया जाता है। 

PACS कर्मचारियों के कार्य - 


जैसा कि आपको पहले ही बता दिया है कि PACS अपने कार्यो का अंजाम अपने कर्मचारियों के माध्यम से देती है, ऐसे में PACS कर्मचारियों के निम्नलिखित कार्य होते हैं - 
  1. कृषि ऋण वितरण - PACS की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को नाममात्र ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे खेती के लिए आवश्यक संसाधन जैसे बीज, खाद, और उपकरण खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया में PACS कर्मचारी किसानों को सही ऋण उत्पाद चुनने और ऋण के लिए आवेदन प्रक्रिया में मदद करते हैं।
  2. वित्तीय समावेशन - PACS कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हैं। वे उन लोगों के लिए बैंकिंग सेवाएं लाते हैं जो शायद पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली तक नहीं पहुंच पाते।
  3. कृषि उत्पादकता में वृद्धि - ऋण और अन्य वित्तीय सहायता के माध्यम से, PACS कर्मचारी कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे कृषि आय में वृद्धि होती है, जिससे किसानों का जीवन स्तर सुधरता है।
  4. सामुदायिक विकास - PACS अक्सर स्थानीय समुदाय के विकास में भी भूमिका निभाते हैं। कर्मचारी सामुदायिक कार्यक्रमों, शिक्षा और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन करके किसानों को नई कृषि तकनीकों, फसल विविधता, और स्थायी खेती के तरीकों से अवगत कराते हैं।
  5. सहकारी आंदोलन को मजबूती - PACS कर्मचारी सहकारी समितियों के माध्यम से सहकारिता के सिद्धांत को बढ़ावा देते हैं, जिसमें सामूहिक खरीद और बिक्री से किसानों को लाभ होता है। ये कर्मचारी सहकारी समितियों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  6. रोजगार प्रदान करना - PACS खुद भी रोजगार का एक स्रोत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को PACS में नौकरी मिलने से शहरी पलायन कम हो सकता है।
  7. नीति कार्यान्वयन - केंद्र और राज्य सरकारों की कृषि संबंधी नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर PACS कर्मचारियों द्वारा होता है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचता है।
PACS अपने कर्मचारियों के माध्यम से ही अपने लक्षित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्य कर रही है। कर्मचारियों के अभाव में एक सुई को भी हिलाना इसके लिए सम्भव नहीं हो सकता है। 

PACS कर्मचारियों की नियुक्ति - 


PACS कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए सम्बन्धित राज्य के 'राज्य सहकारी भर्ती बोर्ड' द्वारा विज्ञप्ति जारी की जाती है। विज्ञप्ति के उपरांत इच्छुक अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए जाते हैं। आवेदन करते समय बोर्ड द्वारा निश्चित की गई राशि का भुगतान किया जाना अनिवार्य होता है। बिना भुगतान के किये गये आवेदन को अगली कड़ी में नहीं लिया जाता है। परीक्षा राशि अथवा आवेदन की राशि अभ्यर्थी के वर्ग के अनुरूप निर्धारित होती है। 

आवेदन के लिए योग्यताएं - 


PACS कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए विभिन्न राज्यों के 'राज्य सहकारी बोर्ड' द्वारा कर्मचारी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने का एक निश्चित समय होता है। आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ ही भर्ती बोर्ड द्वारा निर्धारित किया गया आवेदन शुल्क निश्चित रूप से चुकाना होता है, बिना आवेदन शुल्क के भुगतान के आवेदन पर बोर्ड द्वारा किसी प्रकार का विचार नहीं किया जाता है और ना ही उन्हें चयन प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाता है। आवेदन शुल्क बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो अभ्यर्थियों के वर्ग के अनुरूप होता है।

चयन के लिए योग्यताएं -


PACS कर्मचारियों के पद पर चयनित होने के लिए अभ्यर्थी की निम्नलिखित योग्यता का होना अनिवार्य होता है -
  1. अभ्यर्थी उसी जिले का मूल निवासी होना चाहिए, जिस जिले के लिए बोर्ड द्वारा आवेदन माँगा गया है।
  2. अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक के साथ ही RSCIT का होना अनिवार्य है।
  3. अभ्यर्थी की उम्र 21 से 40 वर्ष की होनी चाहिए। आरक्षण के अनुसार उम्र में छूट का प्रावधान बोर्ड द्वारा तय किया जाता है। विधवा महिलाओ की उम्र की कोई बाध्यता नहीं है।
  4. आरक्षण के सभी प्रावधान लागू होते हैं, जो अन्य भर्ती प्रक्रिया में लागू होते हैं।
  5. कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष होती है।
भर्ती बोर्ड द्वारा नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है, उस दशा में लिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम बोर्ड द्वारा जारी की जाने वाली विज्ञप्ति के साथ ही जारी कर दिया जाता है। हालाँकि पहले आवेदन कम होने की दशा में लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं कराया जाता था।

PACS कर्मचारियों की पद पर रहते हुए मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति पाने का हक होता है।

PACS कर्मचारियों के वेतन और भत्ते -


PACS कर्मचारियों के लिए राज्य सरकारों द्वारा पे स्केल निर्धारित की हुई है। कर्मचारियों को स्केल के मुताबिक वेतन भत्ते का आश्वासन दिया जाता है। यह स्केल अन्य राज्य सरकारों की नौकरियों के समान ही है। पद और कार्य के अनुरूप उनका ग्रेड भी निर्धारित है। 

लेकिन यह सब उन समितियों के लिए है, जो लाभ में है। राजस्थान की अधिकांश सहकारी समितियां सरकारी कार्यो तक सीमित है। ऐसी समितियों के पास आय का प्रमुख स्त्रोत नहीं होने के कारण इनकी आय नाममात्र की है। ऐसी सोसायटी के करीब 3800 कर्मचारियों को ₹10,000/- से ₹12,000 तक ही दिया जाता है। इतना ही नहीं कई बार कर्मचारियों को महीनों तक वेतन ही नहीं मिलता है। 


किसी विशेष त्योहारों या अवसर के समय भी इनका वेतन इन्हें निर्धारित तिथि को नहीं मिलता है। वेतन विसंगति के साथ ही समय पर वेतन ना मिलना इनके लिए बहुत बड़ी समस्या है। इसी समस्या के कारण कई बार सोसायटी के कर्मचारियों द्वारा आन्दोलन भी किया जाता है। आंदोलन के बावजूद भी इनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। 
प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों के कर्मचारियों की समस्याएँ : PACS

सौजन्य : मेघा राम कूकणा 

राज्य सहकारी समिति इस समस्या से निपटने के लिए भर्ती के लिये जारी की जानी विज्ञप्ति में लाभ के अनुसार वेतन के बिंदु को जोड़कर हमेशा अपना बचाव करती रही है। कभी कर्मचारियों की समस्या के निवारण के लिए वास्तविक कदम उठाने का प्रयास नहीं किया है। 

PACS कर्मचारियों की समस्या -


PACS कर्मचारियों का वेतन नाममात्र का होने के साथ ही इन्हें कई और समस्याओ से भी जुझना पड़ रहा है। इनकी कुछ समस्याएं इस प्रकार से है - 
  • नियमितीकरण - हाल के अदालती फैसलों ने इस बात पर जोर दिया है कि जो कर्मचारी लंबे समय से सेवा दे रहे हैं, उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए, बशर्ते उनकी नियुक्ति में प्रक्रियागत खामियां न हों। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड में 10 साल से सेवा दे रहे कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जिसके कारण उन्हें उचित वेतन और भत्ते नहीं मिल पा रहे हैं। 
  • पारदर्शिता और नियम - पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार, जिन कर्मचारियों को उचित प्रक्रिया का पालन करके नियुक्त नहीं किया गया है, उन्हें नियमित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह 'बैक डोर एंट्री' माना जाएगा। लेकिन इस फैसले के बावजूद राज्य सरकारों द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। अब भी इन्हें वेतन विसंगति से जुझना पड़ रहा है। 
  • अनुकंपा नियुक्ति - राजस्थान जैसे राज्यों में, अगर किसी कर्मचारी की असामयिक मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान है, जिसके लिए एक ऑनलाइन प्रणाली भी विकसित की गई है।
  • भर्ती प्रक्रिया - भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने की तिथियां और आवेदन की प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइटों पर घोषित की जाती हैं। उम्मीदवारों को इन तिथियों का ध्यान रखना चाहिए।
  • चुनौतियां और विवाद - X पर कई पोस्ट्स में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं, जैसे गलत तरीके से चयनित होने वाले उम्मीदवारों का जिक्र किया गया है, जो सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। 
  • ई-अधियाचन पोर्टल - कुछ राज्यों ने सभी विभागों के लिए एक ई-अधियाचन पोर्टल की व्यवस्था की है, जिसके माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि PACS कर्मचारियों की नियुक्ति और नियमितीकरण से संबंधित नियम और प्रक्रियाएं राज्य और स्थानीय निकायों की नीतियों द्वारा निर्धारित होती हैं, जिनमें समय-समय पर अदालती फैसलों और सरकारी निर्देशों के आधार पर बदलाव भी हो सकता है।

PACS कर्मचारियों की समस्या का निवारण क्यों आवश्यक? -


PACS कर्मचारियों अथवा प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना कई कारणों से जरूरी हो सकता है - 
  1. कृषि सहकारिता की मजबूती - PACS कृषि क्षेत्र में सहकारी समितियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों को सस्ती दरों पर ऋण, खाद, बीज, और अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध कराती है। कर्मचारियों की संतुष्टि से इन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है। जब कर्मचारी ही तनावग्रस्त है तो सेवाओं को बेहतर तरीके से नहीं दिया जा सकता है। 
  2. कर्मचारी मनोबल और उत्पादकता - मांगें पूरी होने से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है। यह कृषि क्षेत्र के समग्र प्रदर्शन को बेहतर कर सकता है।
  3. सामाजिक-आर्थिक न्याय - कई बार PACS कर्मचारियों की मांगें वेतन विसंगतियों, नियमितिकरण, या बेहतर कार्य स्थितियों से जुड़ी होती हैं। इन मांगों को पूरा करने से सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में कदम बढ़ता है।
  4. रोजगार स्थिरता - इन मांगों को मानने से रोजगार की स्थिरता बढ़ती है, जिससे कर्मचारी निश्चिंत होकर काम कर सकते हैं, और लगातार होने वाली हड़तालों या विरोध प्रदर्शनों की समस्या कम होती है।
  5. ग्रामीण विकास - PACS ग्रामीण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। कर्मचारियों की जायज मांगें पूरी होने से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और विकास की गति तेज हो सकती है।
  6. राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता - बार-बार की मांगों और हड़तालों से सामाजिक और कभी-कभी राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन सकता है। मांगों को सुनना और उचित कदम उठाना इस अस्थिरता को कम करने में मदद कर सकता है।
हालांकि, मांगों को पूरा करने से पहले, सरकार या संबंधित प्राधिकार को वित्तीय व्यवहार्यता, दीर्घकालिक प्रभाव, और संस्थागत स्थिरता का भी आकलन करना होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि समाधान सभी हितधारकों के लिए संतुलित और टिकाऊ हो।

अन्य प्रश्न -


प्रश्न - PACS की फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर - PACS की फुल फॉर्म Primary Agricultural Credit Society है ।

प्रश्न - PACS कर्मचारियों का प्रमुख कार्य क्या है?

उत्तर - PACS कर्मचारियों का प्रमुख कार्य सहकारी समितियों के ऋण देना, ऋणों की वसूली करना, खाद और बीज देना, किसानो को सलाह देना और सहकार को आमजन तक पहुँचाने का प्रमुख कार्य है।

प्रश्न - PACS को हिन्दी में क्या कहा जाता है?

उत्तर - PACS को हिन्दी में प्राथमिक कृषि सहकारी समिति कहा जाता है।

प्रश्न - PACS का कर्मचारी बनने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है?

उत्तर - PACS कर्मचारी बनने के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक होने के साथ ही कंप्युटर में डिप्लोमा होना चाहिए। राजस्थान में नियुक्ति के लिए स्नातक के साथ RSCIT का होना अनिवार्य है।

प्रश्न - PACS कर्मचारियों का वेतन कितना होता है?

उत्तर - PACS कर्मचारियों के लिए राज्य सरकारों द्वारा पे स्केल निर्धारित की हुई है, किंतु वास्तव में यह समिति के लाभ पर निर्भर करता है। 

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